दारा सिंह का जीवन परिचय, दारा सिंह का जन्म, दारा सिंह का विवाह, दारा सिंह का फिल्म में हिस्सा , दारा सिंह की मृत्यु
दारा सिंह का जन्म
दारा सिंह का जन्म 19 नवंबर 1928 को पंजाब के अमृतसर जिले के द्रमुचक गांव में हुआ था इनका पूरा नाम ‘दीदार सिंह’ रंदावा था इनके पिता जी का नाम सूरज सिंह रंधावा था इनके पिताजी एक मध्यवर्गीय परिवार के किसान थे इनके पिता जी जाट सिख परिवार से संबंध रखते थे इनकी माता का नाम “बलवंत कौर” था जो कि एक गृहिणी थी इनकी प्रारंभिक शिक्षा इनके गांव में ही हुई थी इनकी पढ़ाई में बिल्कुल भी रुचि नहीं थी इसलिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ कर अपने पिताजी के साथ खेतों में काम में हाथ बटाना शुरू कर दिया दारा सिंह की बहुत कम उम्र में शादी कर दी गई थी जब वह 9 साल के थे तब उनकी शादी कर दी गई थी
जब वह 17 साल के हुए तब एक बेटे के पिता बन चुके थे दारा सिंह बचपन में बहुत ही दुबले-पतले थे वह अपनी पत्नी के सामने छोटे नजर आते थे उनकी हालत को देखकर उनके घर वालों ने उनके खान-पान पर ध्यान दिया ताकि वह एक अच्छे लड़के की तरह दिखाई दे उस समय उनके गांव में कुश्ती की प्रतियोगिता चल रही थी उसे देखकर उनके मन में भी कुश्ती सीखने का मन हुआ इसके बाद उन्होंने अपने शौक को पूरा करने के लिए कुश्ती लड़ना शुरू कर दिया
1974 में दारा सिंह अपने चाचा के साथ काम करने के लिए सिंगापुर चले गए और वह ड्रम बनाने वाली कंपनी में काम करने लगे दारा सिंह की 6 फुट 2 इंच की उनकी पहचान वालों ने उन्हें कुश्ती के क्षेत्र में जाने के लिए प्रोत्साहित किया इसके बाद दारा सिंह के मन में और भी अधिक उत्सुकता हो गई इसके बाद उन्होंने प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू कर दिया उन्होंने कुश्ती का प्रशिक्षण कोच हरनाम से लिया था उस समय दारा सिंह ने दुनिया के कई पहलवानों को हराया और चैंपियनशिप 1951 का खिताब अपने नाम कर लिया वह एक पेशावर पहलवान के रूप में धाक जमाकर दारा सिंह 1952 में वापस लौट आए
इसके बाद दारा सिंह ने 1954 में “रुस्तम ए हिंद” का खिताब हासिल किया और महाराज हरि सिंह के हाथों स्वर्ण पदक भी हासिल किया इसके बाद दारा सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के किंग कोंग के साथ कुश्ती लड़ी और उन्होंने 200 किलो के ‘किंग कोंग’ को उठाकर चारों तरफ घुमा कर पटका था इस दौरान दारा सिंह फिल्मों से भी जुड़ गए थे वर्ष 1959 में उन्होंने “जॉर्ज गुडिन” को हराकर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप जीती वर्ष 1962 में फिल्म किंग कोंग के रिलीज के बाद दारा सिंह को ढेरों फिल्मों के ऑफर मिलने लगे और उस दौरान उनके एक प्रशंसक ने उन्हें पत्र लिखकर पूछा कि आप तो भारत के हो फिर क्यों बजाते हो बीन दारा सिंह ने उस व्यक्ति को जवाब लिखा कि वह फिल्में जरूर करते हैं लेकिन उन्होंने कुश्ती नहीं छोड़ी है
इसके बाद दारा सिंह ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप जीतने का निश्चय किया इसके बाद 1968 में “लोथेश” को हराकर चैंपियनशिप खिताब अपने नाम कर लिया पहलवान के बाद विश्व कुश्ती चैंपियनशिप जीतने वाले दूसरे भारतीय पहलवान भी बन गए दारा सिंह ने अपने जीवन में 500 से अधिक प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया था और कभी भी उनकी हार नहीं हुई थी इसके बाद 1983 में दिल्ली में आयोजित टूर्नामेंट में उन्होंने अपने कुश्ती के लिए रिटायरमेंट की घोषणा कर दी | दारा सिंह का जीवन परिचय |
दारा सिंह का विवाह
दारा सिंह की दो शादियां हुई थी पहली शादी उनकी बचपन में ही कर दी गई थी जब यह शादी हुई थी तब उनकी उम्र केवल 9 वर्ष की थी बालिक होने से पहले ही उन्हें एक बेटा भी हो गया था कुछ समय के बाद दोनों का तलाक हो गया उनके बेटे ‘प्रद्युमन’ भी एक अभिनेता रह चुके है उन्होंने वर्ष 1968 में रामानंद सागर की फिल्म ‘आंखें’ में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी इसके बाद उन्होंने कई और फिल्मों में भी काम किया परंतु सफलता न मिलने पर वह अपनी खेती के काम में लग गए
अब वह अपने परिवार के साथ मेरठ में रहते हैं बच्चन कोर से तलाक लेने के बाद दारा सिंह ने 11 मई 1961 को सुजीत ओलक से शादी की थी जो पंजाबी एक्टर रतन ओलक की बहन थी दारा सिंह के एक भाई था जिसका नाम सरदार सिंह था वह भी दारा सिंह की तरह ही कुश्ती का पहलवान था उन्होंने भी अपने कुश्ती सफर की शुरुआत 1952 में सिंगापुर में की थी सरदार सिंह भी रुस्तम ए हिंद का खिताब अपने नाम करने में सफल रहे थे | दारा सिंह का जीवन परिचय |
दारा सिंह का फिल्म में हिस्सा
दारा सिंह ने 1952 में फिल्म संगदिल में अभिनय करने की शुरुआत की इसके बाद उन्होंने बहुत सी फिल्मों में काम किया 1962 में दारा सिंह को फिल्म में मुख्य अभिनेता के रूप में भूमिका मिली उस समय दारा सिंह की जोड़ी मुमताज अभिनेत्री के साथ सही सफल हुई थी 1963 में रिलीज फौलाद फिल्म में ‘मुमताज’ को बुलाया गया था दारा सिंह ने मुमताज के साथ 16 से भी अधिक फिल्मों में काम किया
दारा सिंह ने बड़ी बड़ी फिल्मों में भी अपनी भूमिका निभाई थी दारा सिंह एक सफल अभिनेता, निर्देशक, लेखक भी रहे थे दारा सिंह ने कई पंजाबी फिल्मों में भी काम किया था उन्होंने अपने दारा सिंह बैनर के नीचे दो हिंदी फिल्मों का नाम भी अलंकृत किया था 1982 में उन्होंने दारा स्टूडियो की स्थापना की थी दारा सिंह ने हिंदी और पंजाबी के अतिरिक्त मलयालम फिल्मों में भी काम किया उन्हें फिल्मों से ज्यादा लोकप्रियता टेलीविजन से मिली
जब उन्होंने रामानंद सागर की रामायण में हनुमान जी की भूमिका निभाई थी दारा सिंह कुश्ती और फिल्म के अतिरिक्त राजनीति में भी सक्रिय रहे और राज्यसभा के लिए नामांकित होने वाले पहले खिलाड़ी बने उन्होंने 2003 से 2009 तक राज्यसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया दारा सिंह जाट महासभा के अध्यक्ष भी थे दारा सिंह को “सर्वश्रेष्ठ अभिनेता” के लिए पुरस्कार भी दिया गया था
दारा सिंह की मृत्यु
12 जुलाई 2012 को 83 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से दारा सिंह की मृत्यु हो गई | दारा सिंह का जीवन परिचय |