History

नेपोलियन का इतिहास

नेपोलियन का इतिहास

नेपोलियन का इतिहास

नेपोलियन बोनापार्ट जो है वह आधुनिक इतिहास में एक ऐसे वीर योद्धा के रूप में अपनी छाप छोड़ कर गए हैं जिन्होंने अपने रण कौशल अपनी नेतृत्व क्षमता और अपने साहस के दम पर एक बार पूरे यूरोप में फ्रांस के बादशाहत कायम कर दी थी एक मामूली सैनिक से उठकर उन्होंने फ्रांस के राजा तक का सफर तय किया और यूरोप की बड़ी-बड़ी शक्तियों को अपने शासनकाल में हीलाकर रख दी थी यूरोप की शक्तियां इतनी थी कि ब्रिटेन, बेल्जियम ,जर्मनी,स्पेन जैसी बड़ी शक्तियों को इनके खिलाफ गठबंधन करके उतरना पड़ा और अंततः वाटरलू के युद्ध में नेपोलियन बोनापार्ट की हार हुई थी | नेपोलियन का इतिहास |

नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म

नेपोलियन का जन्म 15 अगस्त 1769 में फ्रांस के कोर्सिका द्वीप के अजैक्यिो  में एक सुख समृद्ध परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम कार्लो बोनापार्ट था वह फ्रांस के राजा के दरबार में कोर्सिका द्वीप से प्रतिनिधि थे नेपोलियन का एक अच्छे परिवार में जन्म होने की वजह से बचपन काफी सुखद बीता था

उन्हें बचपन में काफी अच्छी शिक्षा मिली थी उनके परिवार वालों ने उनकी योद्धा प्रवृत्ति को देखते हुए फ्रांस की एक मिलिट्री एकेडमी में एक सैनिक अफसर बनने के लिए भेजा था इसके बाद उन्होंने पेरिस के एक कॉलेज से 1785 में अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और फिर रेजिमेंट तोपखाने में उसे सबलेफ्टिनेंट के तौर पर नियुक्त किया गया उसी समय उनके पिताजी की मौत हो गई थी इसके बाद नेपोलियन ने अपने 7 भाई बहनों का पालन पोषण किया 

नेपोलियन का विवाह

नेपोलियन ने पहली शादी जोसेफिन से की थी लेकिन इनसे कोई संतान न होने के कारण उन्होंने 1810 में ऑस्ट्रेलिया सम्राट की पुत्री मेरी लुईस से दूसरी शादी की थी | नेपोलियन का इतिहास |

 फ्रांस की क्रांति

अपने पिता की मृत्यु के बाद नेपोलियन वापिस कोर्सिको आ गया 1789 में फ्रांस में क्रांति हुई उस समय लुई 16 और मेरी को सत्ता से उखाड़ फेंका था नेपोलियन अपने पिता के पूर्व सहयोगी पास्केल के साथ फ्रांस के कब्जे के लिए कोर्सिकन प्रतिरोध के साथ जुड़ गया 1792 में लुई और मेरी पकड़े गए थे और उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया गया था

जब अप्रैल 1793 में कोर्सिका में एक ग्रह युद्ध शुरू हुआ नेपोलियन और पास्केल  पाअली दुश्मन बन गया इसके बाद नेपोलियन अपने परिवार सहित प्राण चले गए  कोर्सिका से फ़्रांस में नेपोलियन की वापसी फ्रांसीसी सेना के साथ एक सेवा के साथ शुरू हुई नेपोलियन ने अपना सरनेम बोना पार्ट फ्रांस में ग्रहण किया 

फ्रांस में लोकतांत्रिक क्रांति 

जब इंग्लैंड ने फ्रांस के शहर कॉलिंग पर कब्जा कर लिया तो नेपोलियन के नेतृत्व में फ्रांसीसी सेना ने अंग्रेजों को वहां से बाहर खदेड़ दिया था उस समय अंग्रेजों को हराना बहुत ही मुश्किल था जब नेपोलियन ने सफलतापूर्वक किया कार्य किया तो फ्रांस में उनके नाम के जयकारे गूंजने लगे उस समय नेपोलियन का नाम पूरे फ्रांस में प्रसिद्ध हो गया था 1796  में नेपोलियन ने इटली के राज्यों को  हरा दिया था यहीं से उनके उद्भव की कहानी प्रारंभ होती है फ्रांस में उसकी निरंतर बढ़ती लोकप्रियता एवं शक्ति से आशंकित हो सरकार ने उन्हें 1793 में मिश्र भेज दिया था | नेपोलियन का इतिहास |

नेपोलियन को सम्राट की उपाधि 

जब साल 1799 में फ्रांस की राजधानी पेरिस की हालत बेहद बिगड़ गई जिसे वहां की सरकार कमजोर पड़ने लगी थी उस समय नेपोलियन वापिस  पेरिस आया ऐसे वक्त में नेपोलियन बोनापार्ट में चर्चे वापस फ्रांस आए और अपने रणनीतिक कौशल से वहां एक नई सरकार की स्थापना की

इसके बाद नेपोलियन ने  खुद को 10 वर्ष के लिए प्रथम कौशल घोषित करके 1804 में सम्राट की उपाधि धारण कर ली और अपना राजतिलक करवाया इसके बाद नेपोलियन ने फ्रांस की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने के साथ वहां कई बड़े परिवर्तन किए साथ ही शिक्षा का प्रचार प्रसार किया और लोगों को उनके अधिकार दिलवाए और उन्होंने फ्रांस के एक ताकतवर सेना को भी तैयार की जिससे उनकी लोकप्रियता लोगों के बीच और अधिक बढ़ गई 

नेपोलियन द्वारा फ्रांसीसी  साम्राज्य का विस्तार

नेपोलियन ने सम्राट बनने से पहले 1800 में आस्ट्रेलिया को पराजित कर दिया था नेपोलियन ने एक जनरल यूरोपियन शांति समझौता किया जिससे पूरे महाद्वीप पर फ्रेंच सत्ता स्थापित हो गई थी 1803 में ब्रिटेन ने फ्रांस से युद्ध छेड़ दिया ,फिर रूस और ऑस्ट्रेलिया भी ब्रिटेन के साथ शामिल हो गए थे नेपोलियन ने ब्रिटेन को छोड़कर पहले रूस और ऑस्ट्रेलिया से युद्ध किया जिसमें वह विजय रहे 2 दिसंबर 1805 में आस्ट्रेलिया और उस पर विजय प्राप्त करने के बाद 14 अक्टूबर 1806 को उन्होंने परसा को पराजित किया

इससे लगभग संपूर्ण यूरोप पर नेपोलियन का आधिपत्य हो गया इस युद्ध से नेपोलियन को बहुत ही लाभ हुआ और यूरोप उनके नियंत्रण में आ गया था उस समय जो पॉप के अधीन था पवित्र रोम साम्राज्य का अभी विघटन हुआ उस समय जो छोटे-छोटे देश से जैसे वेस्टफालिया, इटली, ने प्लस,  स्पेन एवं  स्वीडन में नेपोलियन संबंधी एवं शुभचिंतक नेता बने नेपोलियन ने 1807 टिंलसीत की संधि की थी उस समय वह अपनी सत्ता के चरम पर था “ नेपोलियन ने सिविल कोड, लीजाइन ऑफ ऑनर, इंपीरियल बैंक ” आदि नेपोलियन की ही देन है नेपोलियन ने महाद्वीपीय मंत्री संघ की स्थापना द्वारा ब्रिटेन के व्यापार हानी पहुंचा कर उसे पराजित करने की योजना बनाई थी

उस समय यूरोप के कई देशों में व्यापार में कमी आने लगी थी इस वजह से यूरोप नेपोलियन के खिलाफ हो गया था और उसके विरुद्ध अपने सैन्य शक्ति को बढ़ाने लगा था 1805 से 1811 तक किसी भी देश की यह हिम्मत नहीं हुई कि वह नेपोलियन को चुनौती दे सके

जब  इंग्लैंड के खिलाफ महाद्वीपीय काउंसिल का निर्माण किया तो उन्होंने सोचा कि वह ब्रिटेन को जीत लेगा ब्रिटेन ने उस समय उपनिवेश देशों में अपना निर्माण कर लिया था और वहां से अपने बजट की भरपाई कर ली थी नेपोलियन के द्वारा लागू की अर्थव्यवस्था  से यूरोप को बहुत अधिक नुकसान हुआ  इस नुकसान की वजह से यूरोप में स्पेन ने नेपोलियन के विरुद्ध झंडा उठा लिया था इसके बाद नेपोलियन ने स्पेन पर अपनी चढ़ाई शुरू कर दी और वहां से सत्ता छीन ली इसके बाद जब रूस ने नेपोलियन के विरुद्ध आंदोलन छेड़ दिया तो नेपोलियन ने 1812 में रूस पर आक्रमण कर दिया और  रूस को पराजित कर दिया  इसके बाद नेपोलियन की सैन्य शक्ति और अधिक बढ़ गई थी 

मॉस्को अभियान की बर्बादी

जब नेपोलियन ने रूस की राजधानी मॉस्को में अपनी सेना भेजी तो वहां पर सर्दियां शुरू हो चुकी थी वहां की सर्दियां बहुत ही भयानक थी वहां पर इतनी बर्फबारी हुई की फ्रांस की सेना आगे नहीं बढ़ पाई और पीछे से सप्लाई लाइन भी कट हो चुकी थी सेना के पास भोजन नहीं पहुंच पाया जिसकी वजह से नेपोलियन की सेना ने  भूख के कारण दम तोड़ दिया था मास्को अभियान की यह बर्बादी पूरे इतिहास में प्रसिद्ध हो गई

जब नेपोलियन वापस पेरिस पहुंचा तो उन्होंने इस हार के बारे में किसी को भी पता नहीं चलने दिया इसके बाद नेपोलियन ने फिर से एक सेना का गठन किया और उन्होंने  रूस, परसा और ऑस्ट्रेलिया की सेना को हराया सन 18 सो 13 में नेपोलियन की लिपजिंक के युद्ध में हार हुई और उन्हें फ्रांस  छोड़कर एल्ब द्वीप पर भागना पड़ा | नेपोलियन का इतिहास |

वाटरलू का युद्ध 

नेपोलियन ने 1815 में 70 हजार सैनिकों के साथ नीदरलैंड पर हमला करने का निर्णय लिया था लेकिन इस बीच नेपोलियन के खिलाफ विद्रोह की हवा चलने लगी नेपोलियन के सपनों को चकनाचूर करने वाला है गठबंधन  तैयार हो रहा था यह गठबंधन बेल्जियम, ब्रिटिश ,जर्मन  का था वाटरलू का युद्ध के मैदान में नेपोलियन के सामने यह गठबंधन आया गठबंधन की सेना और नेपोलियन के बीच  वाटर लू की लड़ाई करीब 10 घंटे तक चली

इस लड़ाई के दौरान नेपोलियन की एक गलती यह भी मानी जाती है कि उन्होंने अपने  घुड़ सवारों का उपयोग काफी देरी से किया जिसका फायदा विरोधी सेना के सैनिकों को मिला जमीन गीली होने के कारण नेपोलियन के सैनिक लड़ने में कमजोर होने लगे क्योंकि जो वाटरलू की लड़ाई हुई तो उस  समय भारी बारिश हुई थी इस युद्ध में नेपोलियन की हार हुई थी 

नेपोलियन की मृत्यु 

वाटरलू की लड़ाई हारने के बाद ब्रिटेन ने नेपोलियन को करीब 6 साल तक दक्षिण हेलेना नाम के द्वीप में कैद करके रखा था और फिर  5 मई साल 1821 में पेट के कैंसर होने की वजह से इस महान बादशाह की मौत हो गई थी नेपोलियन ने फ्रांस को समानता का सिद्धांत दिया था उनकी ऊंचाई कम होने के कारण उन्हें लिटिल कॉरपोरल भी कहते थे नेपोलियन का डेथ मास्क पैरिस के संग्रहालय में सुरक्षित है | नेपोलियन का इतिहास |

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