महात्मा गांधी का जीवन परिचय और इतिहास हिंदी में कंप्लीट जानकारी
महात्मा गांधी का जन्म
➽महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था महात्मा गांधी जी के पिता जी का नाम करमचंद गांधी मां का नाम पुतलीबाई था महात्मा गांधी पोरबंदर शहर में पैदा हुए थे परंतु जन्म के कुछ साल बाद ही उनका पूरा परिवार राजकोट में रहने लगा फिर गांधी जी की शुरुआत की पढ़ाई भी वहीं से शुरू हुई 9 साल की उम्र में गांधी जी ने स्कूल में जाना शुरू किया बचपन से ही गांधी जी को किताबों से बहुत ज्यादा प्यार था वह किताबों को अपना दोस्त मानते थे
महात्मा गांधी का विवाह
➽मात्र 13 वर्ष की आयु में ही गांधीजी की शादी उनसे 1 साल बड़ी लड़की कस्तूरबा से हुई थी पुराने समय में भारत में बच्चों की शादी छोटी उम्र में कर दी जाती थी महात्मा गांधी जी की शादी को लगभग 2 वर्ष हुए थे मतलब गांधीजी करीब 15 साल के थे तब उनके पिता जी का निधन हो गया महात्मा गांधी जी के पिता की मृत्यु के कारण महात्मा गांधी जी बहुत दुखी हुए पिता की मृत्यु का दुख को भूलाने की कोशिश की तो एक दुख और आ गया पिता के निधन के 1 साल बाद ही गांधीजी की पहली संतान भी हुई लेकिन दुर्भाग्य से जन्म के कुछ समय बाद ही बच्चे की मृत्यु हो गई थी और इस तरह से गांधी जी के ऊपर मानव दुखों का पहाड़ टूट पड़ा कठिन परिस्थितियों में भी गांधी जी ने खुद को संभाला और दुख को सहन करके आगे बढ़ने की कोशिश की | महात्मा गांधी का जीवन परिचय और इतिहास
महात्मा गांधी जी की शिक्षा
➽ 1887 में अहमदाबाद हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की आगे चलकर कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद से माधवी जी जोशी की सलाह से आगे चलकर गांधी जी ने लंदन जाकर लॉ की पढ़ाई की | 1888 में गांधीजी दूसरी बार पिता बने और इसी वजह से उनकी मां नहीं चाहती थी कि वह अपने परिवार को छोड़कर कहीं दूर जाएं लेकिन कैसे भी करके उन्होंने अपनी मां को मनाया और उनको हौसला दिया फिर 4 सितंबर 1888 को लंदन पढ़ाई के लिए चले गए और फिर 1891 में पढ़ाई पूरी करके अपने वतन भारत वापस आ गए हालांकि विदेश में पढ़ाई करने के बावजूद थी भारत आने पर उन्हें नौकरी के लिए काफी भागदौड़ करनी पड़ी
महात्मा गांधी जी द्वारा नटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना
➽ 1893 दादा अब्दुल्ला एंड कंपनी नाम के भारतीय कंपनी में नौकरी मिली हालांकि इस नौकरी के लिए उन्हें साउथ अफ्रीका जाना पड़ा और दोस्तों साउथ अफ्रीका में बिताए गए दिन गांधी जी के जीवन के सबसे कठिन दिन थे क्योंकि वहां पर उन्हें भेदभाव का काफी सामना करना पड़ा हालांकि इन्हीं भेदभाव ने उन्हें इतना सक्षम बना दिया कि वह लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार रहते थे और दोस्तों यूं तो गांधीजी को सिर्फ 1 साल के लिए ही साउथ अफ्रीका भेजा गया था वहां रह रहे भारतीयों और आम लोगों के हक के लिए अगले 20 साल तक लड़ते रहे और इसी दौरान उन्होंने नटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की थी
अफ्रीका में रहते हुए गांधी जी ने निडर सिविल राइट्स एक्टिविस्ट के रूप में खुद की पहचान बना ली थी और फिर गोपाल कृष्ण गोखले जोकि इंडियन नेशनल कांग्रेस के एक सीनियर लीडर थे उन्होंने गांधीजी से भारत वापस आकर अपने देश को आजाद करवाने के लिए लोगों की मदद करने की बात की है और फिर इस तरह से 1915 में गांधीजी भारत वापस आ गए और फिर यहां आकर उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस ज्वाइन करके भारत की आजादी में अपना सहयोग शुरू कर दिया और भारत के अंदर कुछ सालों में लोगों के चहेते बन गए और फिर अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए उन्होंने भारत के लोगों में एकता की गांठ बांध दी थी उन्होंने अलग-अलग धर्म और जाति के लोगों को एक साथ लाने का काम किया | महात्मा गांधी का जीवन परिचय और इतिहास
महात्मा गांधी जी द्वारा चलाया गया असहयोग आंदोलन
➽ गांधी जी ने 1922 मैं असहयोग आंदोलन चलाया जिसके तहत अंग्रेजी चीजों का इस्तेमाल भारतीय लोगों ने लगभग बंद कर दिया था और फिर जब आंदोलन काफी सफल साबित हो रहा था तब महात्मा गांधी को 1922 में 2 सालों के लिए जेल भेज दिया गया हालांकि गांधी जी के जेल जाने पर लोगों के अंदर और भी गुस्सा आ गया जिसकी वजह से पूरा भारत अब एक होने लगा था महात्मा गांधी का जीवन परिचय और इतिहास
महात्मा गांधी जी द्वारा दांडी यात्रा
फिर इसी कड़ी में ही मार्च 1930 को महात्मा गांधी जी ने दांडी यात्रा निकाली जिसमें 60000 लोगों की गिरफ्तारी हुई फिर इसी तरह से ही आगे भी गांधी जी के नेतृत्व में कविट इंडिया मूवमेंट की तरह ही कई और भी आंदोलनों को अंजाम दिया जाता रहा और इस दौरान गांधीजी की बहुत बार गिरफ्तारी भी हुई लेकिन दोस्तों महात्मा गांधी के द्वारा लगाई गई चिंगारी सभी लोगों के भीतर आग बन कर जलने लगी थी और यही वजह थी कि गांधीजी के साथ-साथ बाकी क्रांतिकारियों ने मिलकर 1947 में देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई
महात्मा गांधी जी मृत्यु
➽ 15 अगस्त 1947 को हमारा भारत देश आजाद हो गया देश के अंदर आजादी का जश्न चल ही रहा था तभी 30 जनवरी 1948 को नाथूराम राम गोडसे ने गांधी जी की गोली मारकर हत्या कर दी थी इस घटना के कारण भारत देश के अलावा पूरी दुनिया में शौक फैल गया था 15 नवंबर 1949 को गांधीजी के हत्यारे नाथूराम को फांसी दे दी गई जब तक गांधीजी जीवित रहे तब तक अहिंसा को हर चीज का जवाब मानते रहे इसी को उन्होंने अपनी पहचान बनाई थी गांधीजी हमारे बीच मैं नहीं हैं लेकिन आज भी पूरी दुनिया गांधी जी को मानती है
महात्मा गांधी का जीवन परिचय और इतिहास