History

इंदिरा गांधी जी की जीवनी और इतिहास

इंदिरा गांधी जी की जीवनी और इतिहास 

इंदिरा गांधी जी का जन्म 

इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थी इंदिरा गांधी जी का जन्म 19 नवंबर 1917 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था इनका जन्म प्रसिद्ध नेहरू परिवार में हुआ था इंदिरा जी के पिताजी जी का नाम पंडित जवाहरलाल और माता जी का नाम कमला नेहरू था 28 फरवरी 1936 को इनकी माता जी का देहांत हो गया था इनका पूरा नाम इंदिरा प्रियदर्शनी था इनके दादा जी का नाम मोतीलाल नेहरू था

इनके पिता जी और दादा जी दोनों ही एक सफल वकील थे इनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही संपन्न थी इंदिरा जी ने बचपन से ही अपने घर में राजनीति का माहौल देखा था इनके पिताजी और दादाजी भारत के स्वतंत्र आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे इंदिरा गांधी बचपन में अपने दोस्तों को इकट्ठा कर कर उन्हें भाषण देती थी इनकी माता जी की तबीयत खराब हो जाने के कारण इन्हें शिक्षा का सही माहौल नहीं मिला था | इंदिरा गांधी जी की जीवनी और इतिहास |

इंदिरा गांधी जी की शिक्षा 

इंदिरा गांधी जी को उनके पिताजी ने 1934 में गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा स्थापित शांतिनिकेतन विश्व भारती में पढ़ने के लिए भेज दिया इसके बाद लंदन के बैडमिंटन स्कूल में पढ़ने के लिए भेज दिया सन 1937 में इंदिरा गांधी ने लंदन में यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड से अध्ययन किया वहां पर उनकी मुलाकात फिरोज गांधी से होती थी फिरोज को इंदिरा गांधी इलाहाबाद से जानती थी इसके बाद वह भारत वापस लौटी भारत वापस लौटने के बाद  स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गई  थी 

इंदिरा गांधी जी का विवाह 

इंदिरा गांधी जी ने 16 मार्च 1942 को फिरोज गांधी से शादी कर ली थी इंदिरा गांधी के दो लड़के हुए  एक का नाम राजीव गांधी जिसका जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ दूसरे लड़के का नाम संजय गांधी जिसका जन्म 14 दिसंबर 1946 को हुआ  इंदिरा गांधी जी को राजनीति की अच्छी समझ थी | इंदिरा गांधी जी की जीवनी और इतिहास |

इंदिरा गांधी जी द्वारा कांग्रेस पार्टी में शामिल होना

इंदिरा गांधी जी 1955 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई थी इसके बाद 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बन गई उस समय उनकी आयु केवल 42 वर्ष थी इसके बाद इनके पिताजी जवाहरलाल नेहरू का 27 मई 1964 में निधन हो गया जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए लाल बहादुर शास्त्री को चुना गया उसी समय इंदिरा गांधी चुनाव जीतकर शास्त्री सरकार में प्रसारण मंत्री बनी

उस समय  किसी महिला के लिए इतना मुकाम हासिल करना कोई सरल बात नहीं थी 11 जनवरी 1966 को लाल बहादुर शास्त्री का देहांत हो गया था इनके निधन के बाद जो चुनाव हुए उनमें 2 नाम प्रस्तावित किए गए पहला नाम इंदिरा गांधी जी का था और दूसरा नाम मोरारजी देसाई का था इस चुनाव में इंदिरा गांधी जी भारी बहु मतों से जीत गई थी 

इंदिरा गांधी जी भारत के प्रधानमंत्री कब बनी 

इंदिरा गांधी जी 24 जनवरी 1966 से लेकर 24 मार्च 1977 को भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी प्रधानमंत्री बनने के बाद इंदिरा गांधी जी ने कृषि के क्षेत्र में काफी काम किए थे इसके लिए उन्होंने बहुत सी नई योजनाएं बनाई और कृषि से संबंधित कई कार्यक्रम किए इंदिरा गांधी जी का लक्ष्य देश में रोजगार जैसी समस्या को खत्म करना और अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनना था इन सब से ही हरित क्रांति की शुरुआत हुई थी 

इंदिरा गांधी जी द्वारा देश को आर्थिक बनाने की कोशिश की गई

इंदिरा गांधी जी ने भारत को एक आर्थिक और औद्योगिक राष्ट्र बनाने की कोशिश की गई इसके अलावा विज्ञान ने इनके कार्यकाल में बहुत प्रगति की यह बहुत ही गर्व की बात थी | इंदिरा गांधी जी की जीवनी और इतिहास |

इंदिरा गांधी जी द्वारा मध्यवर्ती चुनाव की घोषणा 

इंदिरा गांधी जी ने सन 1971 में अपनी पार्टी और देश में अपनी जगह मजबूत करने के लिए मध्यवर्ती चुनाव की घोषणा कर दी थी इंदिरा गांधी’’ गरीबी हटाओ’ नारे के साथ चुनाव में उतरी और धीरे-धीरे उनके पक्ष में चुनावी माहौल बनने लगा और कांग्रेस को बहुमत प्राप्त हो गया कुल 518 सीटों में से 352 सीट कांग्रेस को मिली इसके बाद इंदिरा गांधी जी की केंद्र स्थिति और भी मजबूत हो गई थी और वह स्वतंत्र फैसले आजादी से ले सकती थी 

भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध 

सन 1971 में बांग्लादेश के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध  लड़ा गया और एक बार फिर से पाकिस्तान हार गया युद्ध में आर्थिक बोझ के कारण आर्थिक समस्याएं बढ़ गई थी देश में महंगाई बढ़ गई थी इसी बीच सूखा और अकाल पड़ गया था जिसके कारण स्थिति और भी बिगड़ गई थी उस समय देश में बेरोजगारी बढ़ गई थी जो सरकारी कर्मचारी थे वह सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने लगे थे हमारा देश उस समय समस्याओं से जूझ रहा था 

सरकार द्वारा लिया गया महत्वपूर्ण फैसला 

जिस समय हमारा देश बेरोजगारी जैसी समस्याओं से जूझ रहा था उस समय इलाहाबाद हाईकोर्ट सरकार ने इंदिरा गांधी जी के चुनाव से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसला लिया वे यह था कि इंदिरा गांधी जी के चुनाव को रद्द कर दिया और 6 सालों तक चुनाव लड़ने से मना कर दिया इंदिरा गांधी जी ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील भी की थी

कोर्ट ने सुनवाई के लिए 14 जुलाई का दिन तय किया विपक्ष पार्टी को यह मंजूर नहीं था इसलिए जयप्रकाश नारायण और विपक्ष पार्टी के नेताओं ने आंदोलन का उग्र रूप ले लिया था देश की इस परिस्थिति को देखते हुए सरकार ने 26 जून 1975 को आपातकालीन की घोषणा कर दी और जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई जैसे हजारों छोटे बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया उस समय मौलिक अधिकार भी खत्म हो गए थे 

लोकसभा के चुनाव

जिस समय मौलिक अधिकार खत्म हो गए थे उस समय  देश में लोकसभा चुनाव लड़े गए थे और इन चुनावों में जनता का समर्थन विपक्ष पार्टी की तरफ था जनता पार्टी ने 23 मार्च 1977 को अपनी सरकार बनाई यह सरकार उस समय आंतरिक गतिविधियों से जूझ रही थी और आंतरिक गतिविधियों के कारण यह सरकार गिर गई जनता पार्टी के समय इंदिरा गांधी पर अनेक आरोप लगाए गए 

उन पर देश की कई अदालतों के मुकदमे भी चलाए गए थे और भ्रष्टाचार के आरोप में इंदिरा गांधी जी कुछ समय के लिए जेल में भी रही थी उस समय इंदिरा गांधी जी के साथ हो रहे व्यवहार के कारण जनता की इंदिरा गांधी जी के प्रति सहानुभूति बढ़ रही थी इसके बाद इंदिरा गांधी जी को मध्यवर्ती चुनाव का फिर से सामना करना पड़ा और उन्हें 592 सीटों में से 353 सीटें मिली 

इंदिरा गांधी दूसरी बार देश की प्रधानमंत्री 

14 जनवरी 1980 से लेकर 31 अक्टूबर 1984 मे दोबारा फिर से इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री बनी 

इंदिरा गांधी जी की मृत्यु

इंदिरा गांधी जी को उन्हीं के दो बॉडीगार्ड ने सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने 31 अक्टूबर 1984 को सुबह 9:29 मिनट पर गोली मारकर दिल्ली में हत्या कर दी थी इंदिरा गांधी जी का जीवन काफी प्रेरणादायक है इंदिरा गांधी जी उच्च विचारधारा की महिला थी 

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