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मुंह के छालों के कारण लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार

मुंह के छालों के कारण लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार

जैसा कि आप सभी को पता होगा कि हर मौसम में हमें अलग-अलग परेशानियां होती हैं लेकिन कुछ परेशानियां ऐसी होती है जो कि हमारे शरीर के संतुलन के ऊपर निर्भर करती है और उसी से वे रोग कम या ज्यादा होते रहते हैं और यह सभी समस्याएं कुछ दिन के लिए ही उत्पन्न होती हैं और बाद में अपने आप ठीक भी हो जाती हैं लेकिन कई बार यह समस्याएं रोगी को बार-बार उत्पन्न होने लगती है

जिसे रोगी बहुत ज्यादा परेशान होता है इसी तरह से एक समस्या मुंह में छाले होना भी है जो कि एक घातक बीमारी है और इस बीमारी से लगभग सभी लोग परेशान रहते हैं तो आज के इस ब्लॉग में हम इसी समस्या के बारे में विस्तार से जानेंगे कि मुंह के छाले क्यों होते हैं इनके कारण, लक्षण और उपचार

मुंह के छाले Mouth ulcers

वैसे तो इस रोग का नाम मुंह मुखपाक होता है लेकिन साधारण भाषा में इस रोग को मुंह के छालों के नाम से जाना जाता है इस समस्या में रोगी को पूरे मुंह में छोटे और बड़े छाले होने लगते हैं जो कि बहुत दर्द देते हैं और इन सभी से रोगी को खाते पीते समय बहुत समस्या होती है

जब मुंह में छालों के ऊपर गरम या मिर्च वाले पदार्थ लगते हैं तब और भी ज्यादा परेशानी होती है इस समस्या में रोगी को मुंह के भीतर होठ, जीभ, तालू में छाले पड़ जाते हैं और अगर यह रोग लंबे समय तक रह जाता है तब यह रोग आंत, गर्भाशय, फेफड़े और मस्तिष्क के पर्दो में भी फैल सकता है

क्योंकि आप सभी को पता हो कि हमारे मुख में बहुत सारे जीवाणु होते हैं और वे जीवाणु मुंह में छाले होने के बाद शरीर के अंदर तक जाते हैं जिनसे शरीर के अलग-अलग भागों में छाले होने लगते हैं

इसलिए हमें मुंह के छाले होने पर समय-समय पर मुंह की सफाई करते रहना चाहिए और वैसे तो ज्यादातर यह रोग मुंह के अंदर ही रहता है और कई बार यह समस्या इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि रोगी का बोलना भी कठिन हो जाता है

मुंह के छालों की कारण

Causes of mouth ulcers in Hindi – अगर मुंह के छालों के कारणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या के पीछे बहुत सारे कारण होते हैं जैसे ज्यादा गर्म उत्तेजक पदार्थों का सेवन करना,

शारीरिक दुर्बलता व कमजोरी, पेट की गड़बड़ी, शरीर में विटामिन की कमी, दांतों के रोग तथा उनकी नियमित सफाई, चर्म रोग व गुप्त रोग, रक्त संबंधी रोग, फंगल इन्फेक्शन, मिर्च मसाले व तले हुए भोजन का सेवन,

शरीर की गर्मी ,लीवर में दिक्कत आना, काम वर्धक पदार्थों का ज्यादा सेवन करना, संग्रहणी रोग होना, शरीर में कब्ज की समस्या उत्पन्न होना, कम पानी का सेवन करना, ज्यादा चॉकलेट बर्फ और आइसक्रीम आदि का सेवन करना रोगी को बेरी-बेरी, एनीमिया व पर्नीसियस रोग होना और इसके अलावा भी ऐसे बहुत सारे कारण होते हैं जिनसे यह रोग उत्पन्न हो जाता है

मुंह के छालों के लक्षण

Symptoms of mouth ulcers in Hindi – वैसे तो इस रोग के लक्षणों के बारे में आप सभी जानते ही होंगे कि इस समस्या के उत्पन्न होने पर रोगी के मुंह, गले, होठ, जीभ में छाले होने लगते है लेकिन इसके अलावा भी इसके कई लक्षण होते हैं जैसे रोगी के मुंह से दुर्गंध आना, रोगी के मसूड़ों खून निकलना, रोगी के वृण पर एक व्रण एक भूरी झिल्ली आना रोगी को कमजोरी आलस व थकान महसूस होना, खाते पीते समय ज्यादा दर्द होना,

भोजन में मिर्च न होने पर भी बहुत ज्यादा जलन होना गर्म व ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन करने पर कठिनाई होना रोगी को बोलने में परेशानी होना रोगी को हल्का बुखार होना ज्यादा पसीना आना पानी पीने में भी तकलीफ होना और कई बार रोगी को मुंह में छाले होने की बजाय रोगी का मुंह छील जाता है लेकिन इस समस्या में भी रोगी को मुंह के छालों के जैसे ही तकलीफ होती है

क्या खाना चाहिए

  • रोगी को बिना मिर्च वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को कच्ची सब्जियां जैसे मटर ककड़ी गाजर मूली पालक मेथी आदि का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को दलिया और खिचड़ी का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा फलों का सेवन करना चाहिए जैसे केला अमरूद नाशपाती बेर आदि

क्या नहीं खाना चाहिए

  • रोगी को ज्यादा मिठाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा तले भुने हुए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा गर्म व उत्तेजक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को पपीता, चीकू, आम, संतरा और आँवला का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा खट्टी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए जैसे अमचूर अचार खटाई व दही आदि
  • रोगी को बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, खैनी, पान, गुटखा और शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए

क्या करना चाहिए

  • रोगी को हर रोज सुबह सुबह शौच करना चाहिए
  • रोगी को हर रोज ठंडे पानी का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को सुबह उठकर खुली हवा में घूमना चाहिए व योग प्राणायाम आदि करने चाहिए
  • रोगी को हर रोज मुंह की सफाई करनी चाहिए
  • रोगी को शरीर में कब्ज की समस्या से बचने के लिए एनिमा लगवाना चाहिए
  • रोगी को हल्के फुल्के लक्षण दिखाई देने पर मुंह में बर्फ लगानी चाहिए
  • रोगी के जीभ पर छाले होने पर तवे की रोक लगानी चाहिए
  • रोगी को लेहसु के पत्ते वह फल को खाना चाहिए

क्या नहीं करना चाहिए

  • रोगी को बिना मुंह साफ किए कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिए
  • रोगी को पूरा दिन एक जगह पर बैठे-बैठे खाते पीते नहीं रहना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा उत्तेजक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को शरीर में कब्ज की समस्या उत्पन्न नहीं होने देनी चाहिए
  • रोगी को अपने मल मूत्र के वेगो को नहीं रोकना चाहिए
  • रोगी को अपने मुंह में गंदे हाथ व गंदी चीजों को नहीं डालना चाहिए

लेकिन फिर भी अगर किसी को मुंह के छालों की समस्या बार-बार उत्पन्न होती है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए या आप कुछ आयुर्वेदिक औषधियों व दवाइयों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है लेकिन इनको आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इस्तेमाल करें

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