सोनोग्राफी और अल्ट्रासाउंड क्या होता है
What is sonography and ultrasound In Hindi ? आप सभी जानते होंगे कि आजकल अलग-अलग तरह के टेस्ट किए जाते हैं कुछ टेस्ट शरीर में बीमारियों की चेक करने के लिए किए जाते हैं या कुछ टेस्ट शरीर के विशेष भाग में अगर चोट लगी हो
उसके लिए किए जाते हैं और कुछ टेस्ट जब महिला गर्भावस्था में होती हैं और उसके शरीर में शिशु बन रहा होता है उस दौरान भी किए जाते हैं और इस समय में अलग-अलग तरह के टेस्ट किए जाते हैं.
इससे पहले मैंने आपको एक पोस्ट में MRI और CT टेस्ट के बारे में बताया था और वह पोस्ट आपको बहुत अच्छी भी लगी होगी तो आज मैं इसी तरह के एक और टेस्ट के बारे में जानकारी आपको दूंगा.
मैं आपको इस पोस्ट में सोनोग्राफी टेस्ट के बारे में पूरी और विस्तार से जानकारी दूंगा सोनोग्राफी टेस्ट क्या होता है यह कब किया जाता है और इसका क्या फायदा होता है यह सभी जानकारी आपको इस फोटो में अच्छी तरह से बताऊंगा नीचे आप सोनोग्राफी टेस्ट के बारे में ध्यान से पढ़िए.
सोनोग्राफी टेस्ट क्या होता है
Sonography Kya Hoti hai ? in Hindi – सबसे पहले मैं आपको अब बताता हूं कि सोनोग्राफी होता क्या है सोनोग्राफी एक टेस्ट परिक्रिया है यह टेक्स्ट गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान किया जाता है जिसे अल्ट्रासाउंड टेस्ट भी कहा जाता है और यह अल्ट्रासाउंड टेस्ट एक मशीन के द्वारा किया जाता है
अल्ट्रासाउंड मशीन के द्वारा उच्च आवृत्ति वाली तरंगों का उपयोग करके गर्भवती महिला के पेट और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को चित्रित किया जाता है जिससे बच्चे और नाल के चित्र (सोनोग्राम) बनते हैं लेकिन वैसे तो अल्ट्रासाउंड और सोनोग्राम शब्द तकनीकी रूप से अलग है लेकिन इन दोनों नामो का इस्तेमाल सिर्फ एक ही काम के लिए किया जाता है.
सोनोग्राफी टेस्ट कितने प्रकार के होते हैं
How many types of sonography tests are there? in Hindi – वैसे तो अल्ट्रासाउंड की सभी प्रक्रिया एक जैसी होती है और एक ही तरह से स्कोर किया जाता है लेकिन यह साथ अलग-अलग प्रकार का अल्ट्रासाउंड टेस्ट होता है जिसके बारे में मैं आपको नीचे अलग-अलग से बताऊंगा तो देखिए.
ट्रांसवैजिनल स्कैन
ट्रांसवैजिनल स्कैन को विशेष रूप रचना से प्रोब ट्रांसड्यूसर्स को योनि में सोनोग्राफी फोटोस बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और इसका लगभग ज्यादातर इस्तेमाल गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में ज्यादा किया जाता है.
मानक अल्ट्रासाउंड
अल्ट्रासाउंड टेस्ट तब किया जाता है जब बच्चे का विकास हो रहा होता है और है 2D फोटो बनाने के लिए किसी भी गर्भवती महिला के पेट के ऊपर ट्रांसड्यूसर का इस्तेमाल किया जाता है.
Advanced अल्ट्रासाउंड
यह अल्ट्रासाउंड टेस्ट भी मानक अल्ट्रासाउंड के जैसा ही है लेकिन इस टेस्ट को जब किया जाता है जब किसी भी तरह की संदेहपूर्ण दिक्कत की आशंका हो.और यह टेस्ट बिल्कुल साफ और शुद्ध चीजों का इस्तेमाल करके किया जाता है.
डॉपलर अल्ट्रासाउंड
यह इमेजिंग प्रक्रिया अल्ट्रासाउंड तरंगों की आवृत्ति में थोड़े बदलाव का इलाज करती है. क्योंकि वह चलती हुई चीजों जैसे रक्त कोशिकाओं आदि को बदल सकती है.
3D अल्ट्रासाउंड
3D अल्ट्रासाउंड गर्भवती महिला के शरीर में बन रहे बच्चे की 3D फोटोस लेने के लिए किया जाता है और 3D फोटोस लेने के लिए एक विशेष प्रकार की जांच और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है.
4-डी या गतिशील 3-डी अल्ट्रासाउंड
यह अल्ट्रासाउंड तब किया जाता है जब गर्भवती महिला को बच्चा होने वाला होता गई. पहले बच्चे के चेहरे को देखने के लिए एक विशेष प्रकार से स्कैनर बनाया होता है उसका इस्तेमाल करके बच्चे के चेहरे को देखा जाता है.
भ्रूण इकोकार्डियोग्राफी
यह अल्ट्रासाउंड तब किया जाता है जब बच्चे के दिल की शारीरिक संरचना और उसके कार्य की गणना करनी होती है तब इस अल्ट्रासाउंड तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है और यह जन्मजात जन्म के बाद हृदय दोषों की गणना करने में के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
सात प्रकार के अल्ट्रासाउंड टेस्ट होते हैं जिनके बारे में हमने आपको ऊपर अच्छी तरह से बताया है.
अल्ट्रासाउंड कैसे किया जाता है
शरीर के सभी अंगों का अलग-अलग तरह से अल्ट्रासाउंड किया जाता है. जब किसी भी अंग का अल्ट्रासाउंड किया जाता है तो सबसे पहले अल्ट्रासाउंड प्रक्रिया में ध्वनि की तरंगों का इस्तेमाल करने के लिए आपके पेट के ऊपर एक प्रकार का जेल लगाया जाता है. फिर उसके बाद जांच करने के लिए आपके पेट की खाल के ऊपर उसे रगड़ा जाता है
गर्भाशय में ध्वनि तरंगों का निर्माण करने के लिए ट्रांसड्यूसर का इस्तेमाल करता है.फिर उसके बाद शरीर में बच्चे की काले या सफेद रंग के चित्र देखे जाते हैं. एक अल्ट्रासाउंड गर्भावस्था के समय कई कारणों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि आपका डॉक्टर पिछले अल्ट्रासाउंड या ब्लड टेस्ट में किसी दिक्कत का पता लगाता है
तो आपके डॉक्टर भी और अल्ट्रासाउंड करवाने के बारे में सकते हैं. Non-Factors कारणों के लिए अल्ट्रासाउंड भी किया जा सकता है, जैसे माता-पिता के लिए फोटोज तैयार करना या बच्चे के लिंग का Demarcation करना.अधिक Advanced अल्ट्रासाउंड तकनीकों का उपयोग तब किया जा सकता है जब अधिक विस्तृत चित्र देखने की जरूरत हो.
अल्ट्रासाउंड में किसी भी तरह का दर्द का अनुभव नहीं होता है लेकिन जब आपके पेट के ऊपर अल्ट्रासाउंड करने से पहले जेल लगाया जाता है तो आपको थोड़ा ठंडा पन महसूस हो सकता है यदि किसी भी का FNAC या बायोप्सी का सैंपल लिया जाता है तो उस दौरान आपको दर्द का अनुभव हो सकता है इस टेस्ट को करने में लगभग 15 से 30 मिनट का समय लगता है.
अल्ट्रासाउंड करवाने से हमें क्या क्या जानकारी मिलती है
Ultrasound Kya Hota hai ? What Is Ultrasound in Hindi ? यदि हमारी गर्दन का अल्ट्रासाउंड करवाया जाता है तो हमें थायराइड का आकार कितना है उसके बारे में पता लगाया जा सकता है. इसके अलावा हमारी गर्दन की नाड़ियों के बारे में जानकारी मिल सकती है यदि कोई लसीका ग्रंथि का आकार बढ़ गया हो
तो उसके बारे में भी अल्ट्रासाउंड से पता लगाया जा सकता है और पेट के अल्ट्रासाउंड से हमें लीवर पैंक्रियास पित्ताशय और अपेंडिस जैसी समस्याओं की जानकारी मिल सकती है और किडनी के अल्ट्रासाउंड में हमें किडनी की और मूत्राशय की जानकारी मिल सकती है और इस अल्ट्रासाउंड की मदद से हमारी किडनी की पथरी का भी पता लगाया जा सकता है.
पैल्विक अंगों के अल्ट्रासाउंड में हम पैल्विक अंगों के बारे में जानकारी ले सकते हैं जैसे गर्भाशय और अंडाशय बारे में जानकारी ले सकते हैं गर्भवती महिलाओं में बच्चा होने से पहले अल्ट्रासाउंड करवाने से हमें बच्चे के आकार बच्चे की सेहत बच्चे की साइज और बच्चे नाल के बारे में जानकारी हम प्राप्त कर सकते हैं.
अल्ट्रासाउंड कीमत
Ultrasound price in Hindi – अल्ट्रासाउंड करवाने की कीमत सामान्यत 500 रु से शुरू हो जाती है. लेकिन अलग-अलग हॉस्पिटल के अलग-अलग रेट होते हैं. दिल्ली में आप को अल्ट्रासाउंड करवाने की कम से कम ₹1000 देने पड़ते हैं और उससे ज्यादा भी देने पड़ सकते हैं.
अल्ट्रासाउंड टेस्ट आप अगर किसी सरकारी हॉस्पिटल से करवाते हैं. तो आपको काफी कम पैसे देने पड़ेंगे तो जहां तक संभव हो आप किसी सरकारी हॉस्पिटल से ही अल्ट्रासाउंड करवाएं .
अल्ट्रासाउंड कब करवाया जाता है
When is ultrasound done? in Hindi – अल्ट्रासाउंड हमारे शरीर के भीतर अंगों को देखने के लिए करवाया जाता है इसे हमें शरीर के अंगों के बारे में सारी जानकारी मिलती है और यदि हमारे शरीर में पानी जमा हो जाए तो उसे निकालने के लिए भी अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल किया जाता है जब किसी को FNAC या नीडल बायोप्सी के सैंपल की आवश्यकता होती है
तो उस समय भी कई बार अल्ट्रासाउंड की आवश्यकता होती है.इसके अलावा ऐसे कई और भी कारण होते हैं जिनके लिए शरीर के किसी भी अंग का अल्ट्रासाउंड कराना बहुत जरूरी होता है इस पोस्ट में आपको सोनोग्राफी और अल्ट्रासाउंड क्या होता है और यह कब करवाया जाता है ,
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Sonograpy karsne se pehle kuch kha sakte b kya ya fir pani pi sakte h kya
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Sonography krane se 2hour pehle halka Kha sakte hai agar sonography liver Ya pet se sambandhit hai
Operation kese hotah hai
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Kya ultrasound se overy k ghav ka pta chal sakta h
Very good jaankari
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Sonography Khali pet hoti h Kya ya khana khane k bad
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