History

शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का इतिहास

शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का इतिहास

शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का इतिहास 

हिंदू धर्म के अनुसार शिवजी जहां-जहां स्वयं प्रकट हुए उन 12 स्थानों पर स्थित शिवलिंग को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है ज्योतिर्लिंग का अर्थ होता है ‘सर्वशक्तिमान’ भारत में कुल 64 ज्योतिर्लिंग है जो जगह जगह पर बने हुए हैं 1 ज्योतिर्लिंगों में से 12 को ही मुख्य ज्योतिर्लिंग में शामिल किया गया है भारत में इन ज्योतिर्लिंगों को काफी पवित्र माना जाता है भगवान महादेव को अलग-अलग नामों से जाना जाता है हिंदुओं के बीच ज्योतिर्लिंग काफी प्रसिद्ध है ज्योतिर्लिंग एक प्रकार से भगवान शिव का एक मंदिर है जहां ज्योतिर्लिंग के रूप में उनकी पूजा की जाती है भारत में जहां 12 ज्योतिर्लिंग है उन जगहों को मुख्य देवता के नाम से जाना जाता है इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन पूजन आराधना से भक्तों के जन्म जन्मांतर के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं जिन स्थानों पर यह 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित है उन स्थानों पर आज भव्य शिव मंदिर बने हुए हैं इन 12 ज्योतिर्लिंगों पर भगवान शिव ज्योति के समान विराजमान है 

1.सोमनाथ 

धरती का पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ है सोमनाथ भारत के गुजरात में स्थित है यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित भारत का ही नहीं बल्कि संपूर्ण पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग है शिव पुराण के अनुसार एक बार प्रजापति दक्ष ने चंद्रमा को सहरोग होने का श्राप दे दिया था तब चंद्रमा द्वारा इसी स्थान तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया गया था और शिव ने उन्हें दर्शन देकर श्राप मुक्त किया था माना जाता है कि सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं चंद्रमा के द्वारा की गई थी 

2.मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग

 यह ज्योतिर्लिंग भारत के आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नामक पर्वत पर स्थित इस ज्योतिर्लिंग को मल्लिका अर्जुन कहा जाता है इस मंदिर का महत्व कैलाश पर्वत के समान माना जाता है यहां भगवान शिव स्वयं निवास करते हैं कहते हैं इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है सभी कष्ट दूर होते हैं 

3.महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग 

ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर जो महाकाल के नाम से प्रसिद्ध है भारत के मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग धरती का एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है पूरे विश्व में यहां पर की जाने वाली भस्म आरती प्रसिद्ध है इस आरती के और ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए लाखों लोग प्रतिवर्ष यहां आते हैं महाकालेश्वर महाकाल के दर्शनों से प्राणी मृत्यु के भय से दूर हो जाता है उसकी आयु में वृद्धि होती है और उसे असामयिक मृत्यु से नहीं मरना होता है

4.ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग 

 ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के मध्य प्रदेश में स्थित है यह मंदिर इंदौर शहर के पास स्थित है जहां पर ज्योतिर्लिंग स्थापित है वहां पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ों के चारों और इस नदी के बहने पर ओम का आकार बनता है कहते हैं कि ओम शब्द की उत्पत्ति जगतपिता ब्रह्मा के मुंह से हुई थी यह ज्योतिर्लिंग ओम का आकार लिए हुए हैं इसीलिए इसे ओम्कारेश्वर नाम से जाना जाता है

5.केदारनाथ ज्योतिर्लिंग

 उत्तराखंड केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग को भी भगवान के 12 ज्योतिर्लिंग में एक माना गया है यह मंदिर बाबा केदारनाथ के नाम से प्रसिद्ध है तथा बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है यह तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है अत यहां भी लाखों की संख्या में लोग बाबा केदारनाथ के दर्शनों के लिए आते हैं

6.भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग 

 भीमाशंकर महाराष्ट्र के पुणे जिले में सौहार्द नाम का एक पर्वत है और इसी पर्वत पर स्थित है भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कहा जाता है कि जो भी भक्त यहां प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय के बाद यहां दर्शन करने आता है उसके सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और उसके लिए स्वर्ग के रास्ते दरवाजे खुल जाते हैं

7. विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के काशी में स्थित है पूरे भारत में काशी सभी धर्म स्थलों में सबसे बड़ा धर्म स्थल माना जाता है इस ज्योतिर्लिंग को काशी विश्वनाथ के नाम से जाना जाता है कहा जाता है कि प्रलय आने पर भी यह स्थान बना रहेगा नष्ट नहीं होगा क्योंकि इस स्थान की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं

8. त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग

त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में गोदावरी नदी के करीब स्थित यह शिवलिंग त्रंबकेश्वर के नाम से जाना जाता है यही पास में ब्रह्मा गिरी पर्वत है और यही पर्वत गोदावरी नदी का उद्गम स्थान है माना जाता है कि भगवान शिव ने यहां गौतम ऋषि को दर्शन दिए थे और उन्हीं के आग्रह पर शिव वहां ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हुए थे 

9.वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग 

 यह स्थान पूर्व में बिहार एवं वर्तमान में झारखंड राज्य में संथाल परगना के दुमका नमक जनपद में स्थित है इसे वैद्यनाथ धाम भी कहा जाता है यहां भी हजारों की संख्या में लोग वैद्यनाथ के दर्शन के लिए आते हैं

10.नागेश्वर ज्योतिर्लिंग 

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के बाहरी क्षेत्र द्वारिका स्थान पर स्थित है कहा जाता है भगवान शिव का एक नाम नागेश्वर भी है यह स्थान द्वारिकापुरी से लगभग 17 किलोमीटर दूर स्थित है कहा जाता है कि यह ज्योतिर्लिंग मनोकामनाएं पूर्ण करता है जो भी व्यक्ति पूर्ण  श्रद्धा भाव से यहां के दर्शनों के लिए आता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है

11.रामेश्वर ज्योतिर्लिंग 

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम स्थान पर स्थित है यह ज्योतिर्लिंग हिंदुओं के चार धाम में से एक माना जाता है कहा जाता है कि रावण से युद्ध करने के लिए प्रस्थान करने से पहले स्वयं श्री राम ने इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी और स्वयं रावण ने वहां आकर ब्राह्मण कर्म करते हुए श्री राम को पूजा-अर्चना करवाई थी भगवान श्री राम द्वारा स्थापना किए जाने के कारण ही इसे रामेश्वरम कहां गया है

12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग 

यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के संभाजी नगर के पास दौलताबाद के समीप में स्थित है यह महाराष्ट्र का प्रसिद्ध मंदिर धनेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की गुफाएं इसी मंदिर के समीप में स्थित है 

शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का इतिहास

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