तंत्रिका तंत्र रोग क्या है इसके कारण लक्षण व उपचार
मानव शरीर में अनेक अंग है और इन सभी अंगों का अलग-अलग कार्य होता है तभी हमारा पूरा शरीर काम करता है और हम स्वस्थ रहता है लेकिन जब हमारे किसी भी अंग में कोई परेशानी होती है तब हमें बहुत दर्द होता है और हमारे कार्य शक्ति भी कमजोर हो जाती है इसी तरह से हमारे पूरे शरीर में मांसपेशियों का जाल बिछा हुआ है इसका काम हमारे पूरे शरीर को नियंत्रण करना होता है
लेकिन कई बार हमारी मांसपेशियों या तंत्रिकाओं में परेशानी आ जाती है जिससे हमारे शरीर में अलग-अलग समस्याएं उत्पन्न होने लगती है तो आज किस ब्लॉग में हम तंत्रिका तंत्र के रोग के बारे में बात करने वाले हैं इस ब्लॉग में हम तंत्रिका तंत्र के रोग होने के कारण, लक्षण व इसके उपचार के बारे में बताएंगे
तंत्रिका तंत्र के रोग
Nervous system diseases in Hindi – सबसे पहले आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि तंत्रिका तंत्र क्या होता है तंत्रिका तंत्र का हमारे शरीर का एक ऐसा तंत्र होता है जिससे हमारे शरीर की सभी अंगों को नियंत्रित किया जाता है क्योंकि आप सभी को पता होगा कि हमारे पूरे शरीर में तंत्रिकाओं का जाल बिछा होता है
जो कि हमारे दिमाग से लेकर शरीर के सभी अंगों जो कि हमारे दिमाग से लेकर शरीर के सभी भागों में फैला होता है जब भी हमारे शरीर के किसी भी अंग में कोई परेशानी या कोई चोट लगती है तब इन तंत्रिका तंत्र की वजह से ही हमारे मस्तिष्क तक उस चोट या बीमारी का संदेश पहुंचता है
जिससे हमारा मस्तिष्क यह सोचने में सक्षम हो पाता है कि हमारे शरीर के किस भाग में क्या दिक्कत हुई है इन तंत्रिकाओं से ही हमारे पूरे शरीर को नियंत्रित किया जाता है तंत्रिका तंत्र की मुख्य तंत्रिका मेरूरज्जू और मस्तिष्क की तंत्रिका होती है जो कि हमारे पूरे शरीर की अलग-अलग तंत्रिकाओं से जुड़ी हुई होती है
लेकिन कई बार हमारे तंत्रिका तंत्र में किसी कारणवश कोई बीमारी या अन्य समस्या उत्पन्न हो जाती है जिससे हमारे पूरे नाड़ी तंत्र पर दबाव पड़ता है और हमारी कार्य शक्ति बिल्कुल कमजोर हो जाती है और हमें कई बार इस समस्या से पीड़ा का भी सामना करना पड़ता है
तंत्रिका तंत्र रोग में मुख्य रूप से शरीर के किसी एक अंग का सुन्न होना, शरीर की मांसपेशियां कमजोर होना,पक्षपात होना, मांसपेशियों में रूकावट आना, मांसपेशियां फटना जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है
तंत्रिका तंत्र के रोग के कारण
Cause to nervous system disease in Hindi – अगर तंत्रिका तंत्र में रोग उत्पन्न होने के कारणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या के उत्पन्न होने के कई अलग-अलग कारण होते हैं जैसे रोगी का ज्यादा नशीली चीज़ो व ड्रग्स आदि का सेवन करना, रोगी का ज्यादा शराब तंबाकू बीड़ी सिगरेट का सेवन करना,
रोगी के किसी अंग पर गहरी चोट लगना, रोगी की तंत्रिकाओं में सूजन आना, रोगी की तंत्रिका क्षतिग्रस्त होना, रोगी की तंत्रिका में घाव व जख्म होना, रोगी की तंत्रिका पटना,
रोगी का ज्यादा मसालेदार व तले हुए भोजन का सेवन करना, रोगी का ज्यादा कठोर कार्य करना, रोगी के शरीर में खून की कमी होना, रोगी के शरीर में सर्जरी आदि होना, रोगी को अन्य खतरनाक बीमारी जैसे कैंसर, लकवा,गठिया आदि होना, रोगी का खतरनाक व तेज दवाइयों का सेवन करना, रोगी का एक जगह पर बैठे बैठे काम करना इस समस्या के मुख्य कारण होते हैं
तंत्रिका तंत्र रोग के लक्षण
Symptoms of nervous system disease in Hindi – अगर तंत्रिका तंत्र रोग होने की लक्षणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या में रोगी के शरीर में कई अहम लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे रोगी के शरीर का कोई एक भाग का सुन होना, रोगी के हाथ पैर ठंडे होना व हाथ पैरों में झुनझुनाहट होना, रोगी का संवेदनशील होना,
रोगी के शरीर की मांसपेशियां बिल्कुल कमजोर होना, रोगी की मांसपेशियां फटना, रोगी की मांसपेशियां में सूजन व इन्फेक्शन होना, रोगी का शरीर नियंत्रण में न रहना, रोगी के शरीर का कोई भाग अपने आप हीलना डुलना, रोगी के शरीर का संतुलन बिगड़ना,
रोगी की मांसपेशियों में रुकावट आना, रोगी की दिमाग की तंत्रिकाओं में रूकावट आना, रोगी को दोरा आना, रोगी के मस्तिष्क में आवरण होना, रोगी को हल्का बुखार, उल्टी, बेचैनी, घबराहट जैसी समस्याएं होना, रोगी का शरीर बिल्कुल दुबला पतला होना, रोगी की मांसपेशियों में सिकुड़न होना, रोगी की खून की गति कम या ज्यादा होना आदि इस समस्या के मुख्य लक्षण होते हैं
क्या करें
- रोगी को हर रोज सुबह सुबह व्यायाम करने चाहिए
- रोगी को हर रोज खुली हवा में दौड़ लगानी चाहिए
- रोगी को हर रोज अपने पूरे शरीर को काम में लेना चाहिए
- रोगी को हमेशा सुपाच्य व हल्का भोजन करना चाहिए
- रोगी को खाना खाने के तुरंत बाद घूमना फिरना चाहिए
- रोगी को ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा फल व सलाद आदि खाने चाहिए
- रोगी को हर रोज ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए
- रोगी को समय-समय पर अपने टेस्ट करवाते रहना चाहिए
- रोगी को अपने शरीर को नियंत्रण में रखने की कोशिश करनी चाहिए
- रोगी को हर रोज साइकलिंग करनी चाहिए
- रोगी को हमेशा समय पर सोना चाहिए वह समय पर खाना खाना चाहिए
क्या न करें
- रोगी को भूख से ज्यादा भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को अपने शरीर में आलस उत्पन्न नहीं होने देना चाहिए
- रोगी को अपने काम खुद करने चाहिए
- रोगी को अपने शरीर में कब्ज की समस्या उत्पन्न नहीं होने देनी चाहिए
- रोगी को ज्यादा नशीली दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को शराब ड्रग्स तंबाकू बीड़ी सिगरेट आदि नहीं पीने चाहिए
- रोगी को अपने शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए
- रोगी को तले हुए वह मिलावटी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को टॉफी चॉकलेट कुरकुरे चिप्स से परहेज करना चाहिए
- रोगी को खाना खाने के तुरंत बाद सोना नहीं चाहिए
- रोगी को पूरा दिन एक जगह पर बैठे या लेटे नहीं रहना चाहिए
लेकिन फिर भी अगर आपको अपने शरीर में तंत्रिका तंत्र से जुड़े हुए किसी भी रोग के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए वह अपने पूरे शरीर का टेस्ट करवा कर दवाइयां लेनी चाहिए क्योंकि यह एक खतरनाक समस्या है इससे आपके पूरे शरीर का संतुलन बिगड़ने लगेगा और आप किसी भी काम को सही तरीके से नहीं कर पाएंगे
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