दाद के लक्षण कारण दाद को जड़ से खत्म करने की दवा
कई बार हमारे शरीर के अंदर की बजाय हमारे शरीर के ऊपर कई रोग होते हैं और जब कोई रोग शरीर के ऊपर होता है उनमें सबसे पहले खाज खुजली और दाद का नाम सामने आता है क्योंकि इंसान की त्वचा के ऊपर खाज खुजली या दाद सबसे ज्यादा होते है. और कुछ दिन पहले हमने खाज खुजली के बारे में एक ब्लॉग में बताया था लेकिन आज के इस ब्लॉग में हम दाद के बारे में बात करने वाले है. इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि दाद क्या है यह कैसे उत्पन्न होता है और इसके उपचार आदि के बारे में.
दाद क्या है
पहले हम बात करते हैं कि दर्द क्या होता है वैसे तो आप सभी दाद के बारे में जानते ही होंगे दांत भी एक खाज खुजली की तरह ही त्वचा के ऊपर होने वाला रोग है जो कि शरीर में किसी भी जगह पर हो सकता है जब किसी इंसान के शरीर पर दाद उत्पन्न होता है तब उस इंसान के दादा वाली जगह पर बिल्कुल छोटा गोल आकार का खुजली उत्पन्न करने वाला निशान उत्पन्न होता है और फिर वह निशान धीरे-धीरे दाद में बदल जाता है.
कई बार दाद बड़ा होने के बाद उसमें खून या पिप निकलने लगती है और यह इंसान के ज्यादातर हाथ पैर, सिर, दाढ़ी, नाखून, लिंग, अंडकोष व पेट के निचले भाग में उत्पन्न होता है और दाद उत्पन्न होने पर इंसान को बहुत तेज झुंज होती है वैसे तो आयुर्वेद में दाद को दद नाम से जाना जाता है लेकिन एलोपैथिक में इसको रिंग वर्म जा टीनिया का नाम दिया गया है.
दाद होने के कारण
वैसे तो दाद एक ऐसा रोग है जो कि किसी भी इंसान को कभी भी उत्पन्न हो सकता है लेकिन किसी भी इंसान को दाद उत्पन्न होने के पीछे कई कारणों का हाथ होता है जैसे विभिन्न प्रकार के फंगस होना, दाद वाले इंसान के दाद को हाथ या शरीर का कोई अंग लगाना, दाद वाले इंसान का तोलिया या कपड़े आदि इस्तेमाल करना और इसके अलावा दूसरी कई बीमारियों के कवक उत्पन्न होना यह कुछ आम से कारण होते हैं जिनसे किसी भी इंसान को दाद उत्पन्न हो सकता है
दाद के लक्षण
जब किसी को दाद की समस्या उत्पन्न होती है तब उसको कई प्रकार के लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे शुरू शुरू में त्वचा के ऊपर सफेद रंग की बिल्कुल छोटे फोड़े फुंसी होना, शरीर के किसी भी भाग पर एक रुपए के सिक्के के समान या उसे छोटे सफेद रंग के धब्बे होना, शुरू शुरू में धब्बो पर बिल्कुल हल्की झुंज होना,
धब्बे वाली जगहों पर बाल झड़ना, बार-बार पुरानी फुंसियां ठीक होकर नई निकलना, धब्बे वाली जगह पर त्वचा का मोटा होना, बार-बार खुजली होने पर खून या पिप निकलना, बार-बार एक ही जगह पर फुंसियां होने से त्वचा बिल्कुल काली पड़ जाना, बारिश के मौसम में ज्यादा पिप व् झुंज होना, गर्मी के मौसम में जलन महसूस होना ऐसे बहुत सारे लक्षण दाद उत्पन्न होने पर दिखाई देते हैं
क्या-क्या खाना चाहिए
वैसे तो किसी इंसान के शरीर पर दाद उत्पन्न होने पर इतने ज्यादा खानपान की चीजों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं होती है लेकिन आपको कुछ ऐसी चीजें खाने से बचना चाहिए जिनसे आपके दाद से पिप निकलने लगे
- आप को दूध के साथ गुलकंद का सेवन करना चाहिए
- फलों में अनार, नींबू, गाजर, पपीता के लिए आदि का सेवन करना चाहिए
- आपको हर रोज सुबह शाम दो चम्मच नीम के पत्तों का रस पीना चाहिए
- आपको भोजन में मूंग की दाल, चावल और पुराने गेहूं को शामिल करना चाहिए
- आपको सब्जियों में सबसे ज्यादा जिमीकंद, बथूवा, लहसुन, प्याज, मूली और आलू खाने चाहिए
- आपको चने के आटे से बनी रोटी बिना नमक मिलाएंगे घी के साथ हर रोज खानी चाहिए
क्या नहीं खाना चाहिए
- आपको ज्यादा नए अनाज सेवन नहीं करना चाहिए
- आपको खटाई युक्त भोज्य पदार्थ जैसे दही, लस्सी, सॉस और इमली आदि नहीं खानी चाहिए
- आपको भोजन में मछली, गुड़, तिल शामिल नहीं करनी चाहिए
- आपको कम से कम उत्तेजक पदार्थों का सेवन करना चाहिए
- आपको ज्यादा कठोर व मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
- आपको तले भुने हुए भोजन से परहेज करने चाहिए
क्या-क्या करना चाहिए
- आपको किसी और इंसान के टोपी, तोलिए, रुमाल, तकिए आदि को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और अपने सामान को किसी और को नहीं करने देना चाहिए
- आपको अपनी सफाई का ध्यान रखना चाहिए और हमेशा साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए
- आपको अपने नाखून काट देने चाहिए और हाथ पैर को बिल्कुल साफ रखना चाहिए
- आपको लाल मिर्च का तेल, मूली के बीजों का रस, पपीते का दूध नींबू में मिलाकर गर्म करके दाद वाली जगह पर सुबह-शाम लगाना चाहिए
- आपको हर रोज नींद के काढ़े को पानी में मिलाकर स्नान करना चाहिए
- दाद होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए ज्यादा
- आपको नीम की साबुन से स्नान करना चाहिए वह नीम के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए
क्या नहीं करना चाहिए
- आपको दाद वाली जगह पर कॉस्मेटिक प्रोडक्ट नहीं लगाने चाहिए
- आपको गंदी वाले स्थान पर काम नहीं करना चाहिए
- आपको गंदे पानी व दवाइयों आदि में हाथ नहीं डालने चाहिए
- आपको नहाते समय साबुन और शैंपू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
- आपको दादा वाली जगह को नाखून से खुजलाना चाहिए
- दाद वाली जगह को छूने पर हाथों को शरीर के दूसरे अंगों पर नहीं लगाना चाहिए
- आपको गंदे पानी से स्नान नहीं करना चाहिए वह साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए
- आपको सीमेंट चुने और मिट्टी आदि में हाथ नहीं लगाने चाहिए
दाद को जड़ से खत्म करने की दवा
लेकिन फिर भी अगर किसी को दाद की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए लेकिन ऐसी बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधियां व दवाइयां भी है जिनसे आप दाद को आसानी से ठीक कर सकते हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है इन सभी को आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इस्तेमाल करें.
- हिमालया तलीक्त कैपसूल/सीरप खुजली, एक्नीवल्गैरिस, बैक्टीरियल इन्फैक्शन ऑफ स्किन, कारबंकल फोड़ा, डर्मेटाइटिस, दाद, पैरासिटिक इन्फैक्शन ऑफ स्किन तथा सोरायसिस में उपयोगी है। 2 कैपसूल दिन में 2 बार अथवा 2 चम्मच सीरप दिन में 2 बार (बच्चों को 1 चम्मच दिन में 2 बार) सेवन करायें।
- अंजलि फार्मा अर्टीनिल टेबलेट डर्मेटाइटिस, एक्जिमा, पित्ती, दाद, खुजली आदि में लाभकारी है। 1-2 गोली दिन में 2-3 बार दूध या हल्के गर्म पानी से दें।
- धन्वन्तरि दादर आयन्टमेन्ट सूख-गीला एक्जिमा, दाद, बैक्टीरियल तथा फंगल स्किन इन्फेक्शन में लाभकर है आक्रान्त स्थान पर दिन में 3-4 बार लगायें।
- वैद्यनाथ नीमबिन कैपसूल एक्जिमा, सोरायसिस, फंगल इन्फेक्शन, डर्मेटाइटिस में उपयोगी है। कैपसूल दिन में 3 बार सेवन करायें।
- वीटा हैल्थ रिंगोस्किन आयन्टमेन्ट खुजली, सूखा व गीला एक्जिमा, क्रोनिक फोड़ा व अल्सर, सोरायसिस, दाद, जल जाना आदि में उपयोगी है। रोगाक्रान्त स्थान पर लगायें।
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