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बच्चे का तुतलाकर बोलना इसके कारण, लक्षण, बचाव व उपचार

बच्चे का तुतलाकर बोलना इसके कारण, लक्षण, बचाव व उपचार

बचपन में हमारे बच्चे में बहुत सारी आदतें होती है लेकिन जैसे ही बच्चा धीरे धीरे बड़ा होता है तो वह अपनी लगभग सभी आदते छोड़ देता है लेकिन कई बार हमारे बच्चे में कुछ ऐसी आदते रह जाती है जिससे बाद में छुटकारा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है.

ऐसी ही एक आदत या समस्या बच्चे का तुतलाना है जो कि बहुत सारे बच्चों में होती है क्योंकि आप सभी को पता होगा कि शुरू में बोलते समय बच्चा तुतलाकर ही बोलना शुरू करता है

लेकिन जैसे ही बच्चा धीरे-धीरे बड़ा होता है तो वह इस समस्या को दूर नहीं कर पाता तो इस ब्लॉग में हम इसी समस्या के बारे में विस्तार से जानेंगे इस ब्लॉग में हम इस समस्या के कारण लक्षण बचाव व उपचार आदि के बारे में बातें करेंगे

बच्चे का तुतलाना

Stammering child in Hindi – आपके आसपास या आपके परिवार में भी कोई ऐसा बच्चा जरूर होगा जिसको शब्द का सही उपचार का उच्चारण करने में परेशानी होती है यह एक मानसिक रोग होता है जो कि बच्चे को बचपन से उत्पन्न हो जाता है जब बच्चा शुरू शुरू में बोलना शुरू करता है तब तूतलाकर ही बोलने लगता है लेकिन जैसे ही बच्चा धीरे-धीरे बड़ा होता है.

तब वह सही से बोलने लगता है लेकिन कई बार कई बच्चों में तूतलाकर बोलने की परेशानी रह जाती है या कई बच्चे बोलते समय अटकने लगते हैं और कई बच्चों में किसी खास मात्रा के शब्दों को बोलने में परेशानी होती है

इसी वजह से बच्चे का तूतलाकर बोलना कई बार हंसी का भी कारण बन जाती है.क्योंकि वह कुछ शब्दों को गलत तरीके से बोलने लगता है इसलिए बच्चे की समस्या को दूर करने के लिए सबसे ज्यादा मां-बाप का फर्ज होता है.

कि वह शुरू शुरू में अपने बच्चे को सही शब्दों का उच्चारण करना वह बोलना सिखाए वैसे तो बच्चे का 3 से 4 वर्ष तक की आयु तक तूतलाकर बोलना आम बात है लेकिन अगर आपका बच्चा 5 वर्ष से ज्यादा का है और वह फिर भी वह तूतलाकर बोलता है तब उसके ऊपर ध्यान देना बहुत अच्छे जरूरी है

क्योंकि इससे बच्चे को अगर आगे चलकर बहुत परेशानियां होती है और कई बार बच्चा इस समस्या के कारण किसी के सामने बोलने से भी डरने लगता है और वह मानसिक रूप से भी कमजोर हो जाता है

कारण

जब कोई बच्चा 5 वर्ष से ऊपर की आयु के बाद भी वह तूतलाकर बोलता है तब इसके पीछे बहुत सारे कारणों का हाथ हो सकता है क्योंकि बच्चे में इस समस्या का कारण उसके आसपास के लोग ही होते हैं

जो कि उसको सही तरीके से बोलना नहीं सीखा पाते हैं इसके अलावा भी इस समस्या के कई और कारण होते हैं जैसे बच्चे के साथ तूतलाकर ही बातें करना, बच्चे के माता-पिता में पहले से ही यह समस्या होना, बच्चे को सही से शब्दों को उच्चारण न करवाना,

बच्चे को बोलते समय डांटना या गुस्सा करना, बच्चे की जीभ की मांसपेशियां कमजोर होना, बच्चे की जीभ चिपकी हुई रहना, बच्चे में मानसिक घबराहट रहना, बच्चे का बोलते समय मजाक बनाना बच्चे का किसी अटकने वाले या किसी गलत शब्द को बार-बार उच्चारण करवाना, बच्चे की जीभ में चोट लगना आदि इस समस्या के कारण होते हैं

लक्षण

वैसे तो आप सभी को पता होगा कि जब कोई बच्चा तोतला कर बोलता है तब उसकी भाषा सही से समझ में नहीं आती लेकिन इसके अलावा भी कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जो कि बच्चे में इसी समस्या का कारण होते हैं

जैसे बच्चे का किसी खास मात्रा वाले शब्द को बोलने में हिचकिचाना, बच्चे का बोलते समय बीच बीच में अटकना, बच्चे का तेजी से बोलते समय अटक जाना, बच्चे को बोलते समय डर का भाव रहना, बच्चे को बोलते समय किसी शब्द को बार-बार बोलना, बच्चे का बोलते समय बार-बार रुकना, बच्चे का किसी से बात न करना, बच्चे का बिल्कुल धीमा बोलना आदि इसी समस्या के लक्षण होते हैं

क्या करें

अगर आपके बच्चे में भी तो चला कर बोलने की समस्या है तब आप इस समस्या को धीरे-धीरे ठीक भी कर सकते हैं इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है जैसे

  • आपको अपने बच्चे को सही शब्दों का उच्चारण करवाना चाहिए
  • आपको अपने बच्चे को बोलते समय हंसी मजाक नहीं करना चाहिए
  • आपको अपने बच्चे को बोलते समय बीच में टोकना नहीं चाहिए
  • आपको अपने बच्चे को किसी चीज को खिलाते पिलाते समय बोलने के लिए नहीं कहना चाहिए
  • आपको अपने बच्चे को डांट फटकार कर सही से बोलने की कोशिश नहीं करवानी चाहिए
  • आपको अपने बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए
  • आपको अपने बच्चे को किसी खास मात्रा वाले शब्दों को धीरे-धीरे बोल कर सही उच्चारण करवाना चाहिए
  • आपको अपने बच्चे के गलत उच्चारण को हंसी मजाक में नहीं टालना चाहिए
  • आपको अपने बच्चे की मांसपेशियों की जांच करवानी चाहिए
  • आपको अपने बच्चे की जीत पर चोट लगने पर तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए
  • आपको अपने बच्चे के साथ तुतलाकर बातें नहीं करनी चाहिए
  • आपको अपने बच्चे के साथ किसी ऐसे इंसान से ज्यादा बातें ना करने दें जिसको तुतलाकर बोलने की आदत पहले से है

उपचार

अगर आपके बच्चे में तुतलाकर बोलने की समस्या है तब इस को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि कई बार इस समस्या को हल्के में लेने से यह समस्या उम्र भर बच्चे को परेशान करती है कई बार बच्चा इससे मानसिक तौर पर कमजोर हो जाता है और वह कम बोलना और डर के भाव में रहना शुरू कर देता है

इसलिए बच्चे का इलाज करवाना बहुत जरूरी है वैसे तो अभी डॉक्टरों के पास इस समस्या को ठीक करने की कोई भी दवाई नहीं है क्योंकि यह एक मानसिक रोग है इसलिए इस समस्या को आप अपने घरेलू तरीकों से ही ठीक कर सकते हैं

जिनके बारे में हमने आपको ऊपर बताया है इसके अलावा बच्चे को स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट की सहायता से ठीक किया जा सकता है और अगर आपके बच्चे की जीभ की मांसपेशियों में परेशानी है तब आपको तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए

लेकिन फिर भी अगर आपके बच्चे में तुतलाकर बोलने की समस्या रहती है तब आपको किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि कई बार यह आपके बच्चे में जीभ संबंधित किसी अन्य रोग के कारण भी उत्पन्न हो सकती है और आपको झाड़-फूंक आधे में विश्वास नहीं करना चाहिए

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