बुखार के लक्षण कारण बुखार की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा
वैसे तो ऐसी दुनिया में ऐसी बहुत सारी बीमारियां हैं जो कि लगभग सभी लोगों में कभी न कभी उत्पन्न जरूर हुई होती है और इन सब में से बुखार भी एक ऐसी बीमारी है जो की आप सभी लोगों को कभी ना कभी जरूर हुआ होगा और यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसान बहुत ही जल्दी ठीक भी हो सकता है.
लेकिन अगर एक बार बुखार अपना विकराल रूप धारण कर लेता है तब उस से पीछा छुड़ाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है और कई बार तो इंसान के सिर या दिमाग में बुखार होने पर उसकी मृत्यु भी हो जाती है बुखार कई प्रकार का होता है और यह दुनिया में पाई जाने वाली एक ऐसी बीमारी है जो कि लगभग हर इंसान को अपनी चपेट में ले लेती है इस साल भी बुखार से लाखों लोग परेशान हैं और कई लोग अपनी जान गवा चुके हैं तो आज इस ब्लॉग़ में हम बात करेंगे कि बुखार क्या है यह कैसे होता है और उससे कैसे बचा जा सकता है.
बुखार क्या है
पहले हम बात करते हैं बुखार क्या होता है वैसे तो बुखार के बारे में आप सभी को पता होगा कि बुखार क्या होता है और इस बीमारी से आप कभी ना कभी ग्रस्त भी हो चुके होंगे लेकिन साधारण भाषा में कहा जाए तो बुखार तब उत्पन्न होता है जब किसी इंसान के शरीर का तापमान 98.4 डिग्री फारेनहाइट या 36.8 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक हो जाता है आयुर्वेद में बुखार को एक स्वतंत्र बीमारी माना गया है जबकि एलोपैथिक में इस बीमारी को किसी दूसरी बीमारी के लक्षण माना गया है यह एक ऐसी बीमारी है जो कि किसी भी मौसम में हो सकती है लेकिन ज्यादातर यह बीमारी बदलते मौसम या बारिश के समय में ज्यादा होती है
बुखार के कारण
जब किसी इंसान के शरीर में बुखार की समस्या उत्पन्न होती है तब इसके पीछे बहुत सारे कारण होते हैं लेकिन इसके कुछ ऐसे मुख्य कारण होते हैं जिनसे आपको आसानी से बुखार अपनी चपेट में ले सकता है जैसे ठंड लगना, पानी या बारिश में भीगना, कीटाणुओं का संक्रमण होना, जठराग्नि की मंदता, गरम ठंडी चीजों का सेवन करना, ज्यादा गर्म या आग वाली जगह काम करना, ठंड़ी जगह एकदम गर्म जगह पर जाना,दूसरे रोगों से ग्रस्त होना यह कुछ ऐसे कारण होते हैं जिनसे किसी भी इंसान को बुखार हो सकता है
बुखार के लक्षण
अगर बुखार के लक्षण के बारे में बात की जाए तो जब किसी इंसान को बुखार होता है तब उस इंसान के अंदर बहुत सारे लक्षण देखने को मिलते हैं इनसे आप आसानी से पहचान सकते हैं कि इस इंसान को बुखार हुआ है जैसे शरीर की गर्मी बढ़ना, घबराहट, बेचैनी रहना,दांतों में कट कट की आवाज आना, जलन महसूस होना, हृदय की धड़कन बढ़ना, शरीर में कमजोरी आना, जी मिचलाना, चलते फिरते चक्कर आना, जीभ गंदी रहना, नींद में बड़बड़ाना, सिर दर्द रहना, शरीर का टूटना,सांस में दुर्गंध जैसे बहुत सारे बुखार होते हैं
क्या खाना चाहिए
जब कोई इंसान बुखार से पीड़ित हो जाता है तब उन सबको खाने पीने की चीजों के ऊपर भी ध्यान देने की जरूरत होता है क्योंकि बुखार अक्सर शरीर के तापमान के बढ़ने पर होता है इसलिए उसको कंट्रोल में करने के लिए खानपान के ऊपर ध्यान देना जरूरी है
- जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए
- आप को बुखार होने पर हमेशा बिल्कुल हल्का और सुपाच्य भोजन करना चाहिए
- शरीर में कमजोरी को दूर करने के लिए ग्लूकोज, सुक्रोज, लेक्टोज को पानी में घोलकर पीना चाहिए
- बुखार उतर जाने पर मूंग की दाल का पानी, साबूदाना और सफेद डबल रोटी और दूध आदि पीना चाहिए
- फलों में मकई का रस, गन्ने का रस बार-बार पीना चाहिए
- आपको बुखार होने पर उबला हुआ पानी ठंडा करके पीना चाहिए
- शरीर में थकावट महसूस होने पर पानी में शहद मिलाकर पीना चाहिए
क्या नहीं खाना चाहिए
- बुखार होने पर चावल और रेशायुक्त आहार नहीं खाने चाहिए
- बुखार में खट्टे फलों का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए
- ज्यादा ताकत लाने के लिए मक्खन, घी मांस और मुरब्बा और अंडे आदि नहीं खाने चाहिए
- बुखार उतर जाने पर कुछ दिनों तक भारी व मिर्च मसालेदार भोजन से परहेज करने चाहिए
- आपको ज्यादा कठोर व तले हुए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
क्या-क्या करना चाहिए
बुखार होने पर खानपान की चीजों की तरह ही कुछ ऐसी कार्य हैं जिनको करने से बचना चाहिए क्योंकि बुखार होने पर शरीर में कमजोरी हो जाती है और बाद में कोई और परेशानी हो सकती है
- आपको स्वस्थ व हवादार और बिल्कुल ढीले कपड़े पहनने चाहिए
- आपको ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए
- आपको सुबह सुबह खुली हवा में घूमना चाहिए
- आपको सुबह सुबह 30 मिनट तक शवासन करना चाहिए
- अगर आपको बुखार ज्यादा ठंड देकर आई है तब आपको गर्म पानी स्नान करना चाहिए
- आपको सुबह सुबह गहरी और लम्बी साँस लेने का प्रयत्न करना चाहिए
क्या नहीं करना चाहिए
- आपको बुखार उतरने पर आपको ज्यादा कठोर कार्य नहीं करने चाहिए
- आपको ज्यादा गुस्सा, शोक, मानसिक तनाव पैदा करने वाले विचारो से दूर रहना चाहिए
- आपको लड़ाई झगड़े में नहीं पड़ना चाहिए
- आपको हमेशा कंबल व गर्म कपड़े अपने शरीर पर नहीं रखना चाहिए
- आपको कुछ दिन तक ज्यादा खेलना भागना न दौड़ना नहीं चाहिए
बुखार की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा
लेकिन फिर भी अगर आपको बुखार हो जाता है तब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए लेकिन आप कुछ आयुर्वेदिक औषधियों व दवाइयों का इस्तेमाल करके भी बुखार से पीछा छुड़ा सकते हैं जिनके बारे में अपने आपको नीचे बताया सभी को आप Doctor की सलाह के अनुसार ही इस्तेमाल करें.
- संजीवनी वटी 2 रत्ती में मुक्ता / रत्ती या रोगी को अतिसार भी हो तो-शुक्ति, जहरमोरा पिष्टी 1-1 रत्ती मिलाकर दिन में 4 बार देने से रोग शान्त रहता है।
- चन्दनादिक्वाथ (ग्रन्थ सन्दर्भ-बृ०नि०र०) भी रोग को शान्त करता है।
- पीने के लिए उबालकर ठण्डा किया हुआ जल पर्याप्त मात्रा में देना चाहिए।
- मुल्तानी कोल्द्राची 1-2 गोली दिन में 3 बार दें। (यह औषधि फ्लू, कोल्ड में भी उपयोगी है।)
- अजमेरा बोसिन वयस्क-1-2 गोली दिन में 3 बार दें। बालक। गोली दिन में 2 बार दें।
- चरक करिल वयस्क-1-2 कैपसूल दिन में 2-3 बार दें। बालक1 कैपसूल दिन में 3 बार दें। (ऐसा ज्वर जो मलेरिया, फ्लू, सर्दी, बिना करण के पाइरेक्सिया में लाभकारी है।)
बुखार को ठीक करने के घरेलु उपाय
यदि रोगी को तापमान ज्यादा हो जाये तो एकदम बुखार उतारने वाली औषधि का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए। इस के लिए 100 बार का धुला हुआ घी रोगी के सिर और पैरों के तलुवों में मालिश कराना चाहिए। इस से 1-2 डिग्री बुखार उतर जाता है अथवा ठण्डे पानी में नौसादर या नमक डालकर उसकी पट्टी रोगी के सिर पर रखकर बार-बार बदलने से भी तीव्र बुखार कम हो जाता है।
काला जीरा और पुराना गुड़ समान भाग लेकर उसमें जरा सा कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर खाने से विषम बुखार नष्ट हो जाता है।
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