मलेरिया क्या है इसके लक्षण कारण व उपचार
वैसे तो दुनिया भर में अनेक बीमारियां फैली हुई है जो कि कभी भी किसी इंसान को लग सकती है लेकिन कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं जो कि एक खास मौसम में ही दस्तक देती है और यह सभी खतरनाक बीमारियां होती है जिनसे बच पाना बहुत ही मुश्किल होता है और अगर इन बीमारियों का समय पर इलाज करवाया जाए तो यह बीमारियां जानलेवा भी साबित हो सकती है.
इसी तरह से मलेरिया भी एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो कि रोगी के लिए घातक साबित हो सकती है तो आज के इस ब्लॉग में हम मलेरिया बीमारी के ही बारे में बात करने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आपको मलेरिया बीमारी के उत्पन्न होने के कारण इससे बताओगे तरीके और इसके उपचार आदि के बारे में बताएंगे.
मलेरिया क्या है
Qué es la malaria? in Hindi – सबसे पहले आपको मलेरिया बीमारी के बारे में जानना बहुत जरूरी है आखिरकार यह बीमारी कैसे उत्पन्न होती है मलेरिया एक खतरनाक बीमारी है जो कि बुखार के रूप में रोगी को संक्रमित करती है और यह एक संक्रामक ज्वर के रूप में होती है जो कि एक निश्चित समय के अंतराल पर ठंड के साथ आती है
और पसीना आ कर उतर जाती है और मलेरिया में रोगी को बुखार 1 से 4 दिन के अंतर के बाद भी हो सकती है लेकिन कई बार यह है रोगी को सुबह चढ़ती है और शाम को उतर जाती है और फिर दूसरे दिन सुबह चढ़ती है और शाम को उतर जाती है और कई रोगियों में यह एक या 2 दिन छोड़कर उतरती और चढ़ती है
मलेरिया के कारण Debido a la malaria in Hinid
अगर मलेरिया के कारणों के बारे में बात की जाए तो मलेरिया नामक संक्रामक ज्वर रोग मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से उत्पन्न होती है और मलेरिया दो प्रकार का होता है जिन्हें प्लाजमोडियम वाइवैक्स और प्लाजमोडियम फाल्सीपैरम कहा जाता है जब प्लाजमोडियम जीवाणु मच्छर के पेट से मनुष्य के शरीर में यकृत के अंदर अपना अड्डा बना लेते हैं
और फिर धीरे-धीरे अपने आपको स्थापित करके खून के जरिए पूरे शरीर में फैल जाते हैं और फिर रोगी को बहुत तेज बुखार होने लगती है कई बार यह कीटाणु रोगी के मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं जिनसे रोगी की मृत्यु भी हो सकती है
मलेरिया के लक्षण
Síntomas de malaria in Hindi – अगर इस बीमारी के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो मलेरिया बीमारी से संक्रमित व्यक्ति के अंदर आपको कई प्रकार के लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे बदन दर्द, सिर दर्द, हाथ-पैर में कंपकंपी, एकदम तेजी से बुखार आना वह एकदम पसीने के साथ उतर जाना ,
रोगी का छटपटाना और उड़बड़ाना, बार-बार पसीना आना, बदन टूटना, बार-बार प्यास लगना, तेज ठंड से बुखार चढ़ना वह बुखार उतरने पर आराम मिलना और लंबे समय तक बुखार चलने पर रोगी की पलीहा और जिगर बढ़ने लगते हैं यह कुछ ऐसे लक्षण है जो कि मलेरिया बीमारी से संक्रमित रोगी के अंदर देखने को मिलते हैं
क्या खाना चाहिए
- रोगी को गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर और चीनी मिलाकर दिन में दो तीन बार पिलाना चाहिए
- रोगी को जब बुखार आने लगे तब सेब खिलाने चाहिए
- रोगी को प्यास लगने पर बार-बार लस्सी पिलानी चाहिए
- रोगी को जिस दिन बुखार आए उस दिन पुराने चावल का भात सूजी की रोटी, दूध और मछली का शोरबा पिलाना चाहिए
- रोगी को बुखार उतरते ही अखरोट, साबूदाने की खीर, चावल का मांड, अंगूर सिंघाड़ा व हल्की सुपाच्य चीजें खिलानी चाहिए रोगी को कच्चा केला, बैंगन केले के फूल की सब्जी और परवल खिलाने चाहिए
क्या नहीं खाना चाहिए
- रोगी को मांस मछली और अंडा नहीं खिलाना चाहिए
- रोगी को ज्यादा फ्रिज की आइसक्रीम ठंडी चीजें वह बर्फ नहीं खिलानी चाहिए
- रोगी को शराब व नशीली चीजों का सेवन नहीं करने देना चाहिए
- रोगी को ज्यादा मिर्च मसालेदार व तले हुए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा चटपटी व खट्टी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
क्या करना चाहिए
- रोगी को मच्छरदानी लगा कर सुलाना चाहिए
- रोगी को स्वस्थ व हवादार कमरे में रखना चाहिए
- रोगी को बुखार उतरने के बाद गर्म पानी से शरीर पोंछ देना चाहिए
- रोगी को साफ वह स्वस्थ पानी पिलाना चाहिए
- रोगी को स्वस्थ व हल्का खाना देना चाहिए
- रोगी को सुबह-सुबह खुली हवा में घूमना चाहिए
उपचार
- रोगी को दूषित पानी का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी के घर के आसपास गंदा पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए
- रोगी को गंदगी वाले क्षेत्र में बाहर नहीं सोना चाहिए
- रोगी को ठंड नहीं लगने देनी चाहिए इसके लिए गर्म कपड़े पहनाने चाहिए
- रोगी को ज्यादा कठोर कार्य नहीं करने देना चाहिए
- रोगी को बासी व् बे मौसमी भोजन नहीं देना चाहिए
- रोगी को फल और कच्ची सब्जियां बिना धोए नहीं खाने देनी चाहिए
- रोगी को ज्यादा समय तक जागते नहीं रहना चाहिए
- रोगी को तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए वह घर पर डॉक्टर नहीं बनना चाहिए
अगर फिर भी किसी को मलेरिया से संबंधित लक्षण दिखाई देते हैं तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए वह अपने टेस्ट करवा कर दवाई लेनी चाहिए क्योंकि अगर मलेरिया का समय पर इलाज ने करवाया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है यह एक खतरनाक बीमारी है.
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