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बाल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

बाल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

बाल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

हमारे महान देश भारत वर्ष के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1890 को इलाहाबाद में हुआ था उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है नेहरू जी को बच्चों से बड़ा स्नेह था और वे बच्चों को देश का भावी निर्माता मानते थे बच्चों के प्रति उनके स्वभाव के कारण बच्चे भी उनसे बेहद लगाव और प्रेम रखते थे और उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे यही कारण है कि नेहरू जी के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है

शादी के बाद बच्चों और युवाओं के लिए चाचा नेहरू काफी सारे अच्छे काम है जब प्रधानमंत्री बने तो उनके सबसे पहली प्राथमिकता थी बच्चों की शिक्षा युवाओं के विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने देश में विभिन्न शैक्षिक संस्थानों जैसे -इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल ,साइंसेस को आधुनिक बनाने में अहम भूमिका निभाई उन्होंने पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ कर भारत में उद्योग के एक नए युग की शुरुआत की

चाचा नेहरू का कहना था कि बच्चे देश का भविष्य है केवल सही शिक्षा, देखभाल और विकास के रास्ते पर चला कर ही बच्चों को एक नया और अच्छा जीवन प्रदान किया जा सकता है इसलिए पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु के बाद उनको सम्मान देने के लिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में “14 नवंबर ” को हर साल उत्साह के साथ मनाया जाता है पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करते हुए भी बच्चों के लिए समय निकालते थे

20 नवंबर को बाल दिवस क्यों मनाया जाता था

आजादी के बाद 1964 से पहले बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था अंग्रेजी में बाल दिवस को चिल्ड्रंस डे कहते हैं सन 1925 में चिल्ड्रन डे की नींव रखी गई थी सन 1953 में बाल दिवस को विश्व भर में मान्यता प्राप्त हुई थी 20 नवंबर को यूनाइटेड नेशन ने चिल्ड्रंस डे मनाने की घोषणा करी थी इसी के कारण भारत में भी चिल्ड्रंस डे 20 नवंबर को मनाया जाने लगा था कई देशों में बाल दिवस मनाया जाता है जिसे वर्ल्ड चिल्ड्रंस डे कहते हैं

भारत में पहला बाल दिवस 1959 में मनाया गया था इसके बाद 1964 में पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु हो जाने के बाद 20 नवंबर को बदलकर उनकी जन्मतिथि 14 नवंबर को मनाया जाने लगा यह दिन बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी मूल जरूरतों को पूरा करने की याद दिलाता है और साथ ही देश के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू  द्वारा दिए गए योगदान और शांति प्रयासों के लिए और उनको सम्मान देने के लिए 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है

बाल दिवस के दिन बच्चे विभिन्न गतिविधियों का आनंद लेते हैं इस दिन स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और उसमें बच्चे हिस्सा लेते हैं इस दिन बच्चों को पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचारों के बारे में बताया जाता है  इस दिन बच्चों को स्कूलों में टोफी व मिठाइयां बांटी जाती है इस दिन शिक्षकों द्वारा बच्चों को शिक्षा का महत्व बताया जाता है इन बच्चों के मनोरंजन के लिए अनेक प्रतियोगिताएं भी की जाती है बाल दिवस बच्चों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होता है

पंडित जवाहरलाल नेहरू का परिचय

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था इनके पिता जी का नाम “पंडित मोतीलाल नेहरू” का और इनकी माता जी का नाम “ स्वरूप रानी” था उनकी पत्नी का नाम कमला देवी था यह भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे प्रधानमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल1947-1964 तक रहा था 14 अगस्त 1947 की आधी रात को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ट्रस्ट विद डेस्टिनी नामक भाषण दिया था

1924 में पंडित जवाहरलाल नेहरू को इलाहाबाद नगर निगम का अध्यक्ष चुना गया था पंडित जवाहरलाल नेहरू को असहयोगआंदोलन के  दौरान गिरफ्तार किया गया था भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता नेहरू जी ने की थी 15 जुलाई 1955 को पंडित जवाहरलाल नेहरू को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था पंडित जवाहरलाल नेहरू ने डिस्कवरी ऑफ इंडिया नामक पुस्तक की रचना की थी 27 मई 1964 को पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु हो गई थी

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