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चौधरी बंसीलाल का जीवन परिचय

चौधरी बंसीलाल का जीवन परिचय, बंसीलाल मुख्यमंत्री कब बने, चौधरी बंसीलाल का जन्म, चौधरी बंसीलाल का राजनीतिक जीवन, शराब बंदी का फैसला, चौधरी बंसीलाल की मृत्यु

चौधरी बंसीलाल का जीवन परिचय

चौधरी बंसीलाल को आधुनिक हरियाणा का निर्माता कहा जाता है उन्होंने हरियाणा के गांव गांव में बिजली पहुंचाई नसबंदी को लेकर विवादों में आए शराबबंदी भी लागू करने वाले पहले मुख्यमंत्री रहे चौधरी बंसीलाल ने अपने मुख्यमंत्री के पहले और दूसरे कार्यकाल में बिजली और सड़क में सबसे अधिक काम किया था प्रत्येक शहर में टूरिज्म कांप्लेक्स बनाने का विचार बंसीलाल के जेहन की उपज था

कुरुक्षेत्र को तीर्थ स्थल के रूप में भी उन्होंने विकसित किया था बंसीलाल के कार्यकाल में ही हरियाणा में “भाखड़ा डैम” जैसे बड़े प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा हुआ था 7 हजार गांवों में बिजली पहुंचा दी अपने इलाके भिवानी, महेंद्रगढ़ ,रेवाड़ी में लिफ्ट पंपों के जरिए नहरी पानी पहुंचाने का जटिल कार्य भी 

 चौधरी बंसीलाल का जन्म 

बंसीलाल का जन्म 26 अगस्त 1927 को  भिवानी जिले के गांव गोलागढ़ में एक किसान परिवार में हुआ चौधरी बंसीलाल के उपनाम है जैसे -विकास पुरुष, हरियाणा का लोह पुरुष, आधुनिक हरियाणा का जन्मदाता इनके पिता जी का नाम “मोहर सिंह लेघा” था उनके पिता लोहारू में आड़त का कारोबार करते थे इनकी पत्नी का नाम विद्या देवी था बंसी लाल जी की आरंभिक पढ़ाई इनके गांव में ही हुई थी

इनके पिता पढ़ाई करने के पक्ष में नहीं थे इसलिए 14 वर्ष की आयु में ही इन्हें अनाज के व्यापार में लगा दिया गया था इसके बाद भी इन्होंने पिता से छुपकर अपनी पढ़ाई को जारी रखा 1946 में उन्होंने दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की इसके बाद 1950 में प्रभाकर और उसके बाद 1952 में ग्रेजुएशन किया बाद में उन्होंने 1956 में वकालत की डिग्री प्राप्त की थी कुछ समय तक बंसीलाल ने भिवानी कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस भी की | चौधरी बंसीलाल का जीवन परिचय |

चौधरी बंसीलाल का राजनीतिक जीवन

1958 में वे राजनीति में आ गए सबसे पहले पंजाब प्रदेश कांग्रेस के सदस्य बने बंसीलाल की छवि एक सख्त प्रशासक की रही उनके बारे में यह माना जाता है कि रात को 12:00 बजे के बाद भी वे अफसरों को फोन मिला देते थे महीने में 25 दिन हरियाणा के दौरे पर रहते थे हरियाणा में टूरिज्म प्लेस बनाने और घंटा घरों को तुड़वाने में उन्हीं का योगदान था चौधरी बंसीलाल चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे अपने पहले कार्यकाल में बंसीलाल ने प्रदेश के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की एक नीव रखी थी मार्च 1968 तक हरियाणा में 5569 ट्वेल् थे 1969 में इनकी संख्या 68226 और 1970 में 86455और 1972 में 110233 और 1973 में 116882 हो गई यह सब बंसीलाल की वजह से हुआ था

बंसीलाल अपने जीवन में साल 1977 में चंद्रावती के सामने भिवानी संसदीय सीट से चुनाव हारे इसके बाद 1987 में तोशाम विधानसभा से उन्हें लोकदल के धर्मवीर सिंह ने पराजित किया राष्ट्रपति शासन लागू होने के 6 महीने बाद हरियाणा में 1968 में विधानसभा के चुनाव हुए इस चुनाव में कांग्रेस को 87 सीटों में से 48 सीटों पर जीत मिली थी उस समय इंदिरा गांधी की ओर से बंसीलाल को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया गया वे साल 1972 तक मुख्यमंत्री रहे दूसरी बार कांग्रेस को 52 सीटों पर जीत मिली और दूसरी बार  बंसीलाल मुख्यमंत्री बनाए गए आपातकाल के समय बंसीलाल एक चर्चित चेहरे के रूप में सामने आए थे

इसके बाद 1975 में आपातकाल लागू किया गया बंसीलाल को हरियाणा की सियासत से इंदिरा गांधी की सियासत ले गई और उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया जबकि उनकी जगह “बनारसी दास गुप्ता” को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया गया इमरजेंसी लागू करने को लेकर इंदिरा गांधी ने संजय गांधी, आर.के. धवन ,बंसीलाल,सिद्धार्थ ,शंकर राय और दिल्ली के तत्कालीन गवर्नर किशनचंद से विचार सांझे किए थे जिस समय इमरजेंसी लागू की गई उस समय इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी परिवार नियोजन की नीति लेकर आए थे

संजय गांधी बंसी लाल के अच्छे दोस्त थे ऐसे में नसबंदी के प्रोजेक्ट को लेकर बंसीलाल ने बहुत अधिक संदिग्धी दिखाई थी बंसी लाल ने नसबंदी ऑपरेशन को सिरे चढ़ाने में बहुत अधिक शक्ति लगाई थी पुलिस रात के समय गांवों में घुस जाती थी और जबरन नसबंदी की जाती थी इमरजेंसी के दौर में जयप्रकाश पूरे देश में रैलियां कर रहे थे इधर हरियाणा में चौधरी देवीलाल पूरी तरह से सक्रिय हो गए थे इमरजेंसी के दौरान हुए आम चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह से हार गई थी  हरियाणा में जनता पार्टी को 75 सीटों पर जीत मिली और इमरजेंसी के चलते ही बंसीलाल को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी | चौधरी बंसीलाल का जीवन परिचय |

बंसीलाल मुख्यमंत्री कब बने

 बंसीलाल ने किया था बंसीलाल ने एक स्वतंत्रता सेनानी की तरह 1943 से 1944 तक लोहारू राज्य में प्रजा मंडल के सचिव थे इसके बाद बंसीलाल वर्ष 1957 से 1958 तक बार एसोसिएशन भिवानी के अध्यक्ष थे बंसीलाल वर्ष 1959 -1962 तक जिला कांग्रेस कमेटी हिसार के अध्यक्ष थे और बाद में कांग्रेस कार्यकारिणी समिति तथा कांग्रेस संसदीय बोर्ड के सदस्य बने

वर्ष 1967 से 1975 तक विधानसभा के सदस्य रहे बंसीलाल वर्ष 1968 में 81 में से 48 सीट जीतकर हरियाणा के पहली बार मुख्यमंत्री बने थे जब बंसीलाल मुख्यमंत्री बने तब मात्र केवल इनकी उम्र 41 वर्ष थी बंसीलाल वर्ष 1968 ,1972,1986और 1996 में चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे बंसीलाल राज्य विधानसभा के लिए 7 बार चुने गए थे | चौधरी बंसीलाल का जीवन परिचय |

बंसीलाल द्वारा लिया गया शराब बंदी का फैसला 

इसके बाद एक और मौका आया जब बंसीलाल को अपने सख्त फैसले की वजह से अपनी सत्ता से हाथ धोना पड़ा था साल 1996 में चौधरी बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी ने 33 सीटों पर जीत दर्ज की थी अपने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर हबीबा ने सरकार बनाई और बंसीलाल चौथी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे बंसीलाल ने चुनाव में शराबबंदी लागू करने का वादा किया था मुख्यमंत्री बनने के कुछ समय बाद ही 31 जुलाई 1996 को शराबबंदी की गई थी

शराबबंदी के बाद बंसीलाल को नुकसान झेलना पड़ा और यहां तक कि उनके बेटे सुरेंद्र सिंह पर भी आरोप लगे थे बाद में यह आरोप निराधार साबित हुए उस समय शराब के केस इतने बढ़ गए कि हरियाणा में तहखाना और माल खानों में शराब रखने के लिए जगह नहीं बची थी शराबबंदी के समय 9 महीनों में ही 31594 लोगों को गिरफ्तार किया गया यहां तक कि शराब तस्करी में महिलाएं भी शामिल होने लगी

1998 के संसदीय चुनाव में बंसीलाल 10 में से 9 सीटों पर चुनाव हार गए उनके बेटे सुरेंद्र सिंह जी भिवानी से  जीत पाए जी अब बंसीलाल को यह महसूस होने लगा था कि शराबबंदी का उनका फैसला ठीक नहीं था ऐसे में 1 अप्रैल 1999 को बंसीलाल ने शराबबंदी का फैसला वापस ले लिया इसके कुछ महीनों बाद ही बंसीलाल के 22 विधायकों को ओमप्रकाश चौटाला ने अपने पाले में कर लिया इनेलो की सरकार बन गई और चौटाला हरियाणा की चौथी बार मुख्यमंत्री बन गए इसके करीब 1 वर्ष बाद साल 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी 2 सीटों पर सिमट गई

शराबबंदी का यह निर्णय ऐसा रहा कि बंसीलाल को साल 2004 में अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में करना पड़ा कुल मिलाकर चौधरी बंसीलाल का पहला कार्यकाल प्रदेश के आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने और अपने विरोधियों से लोहा लेने वाला रहा जबकि दूसरे कार्यकाल में नसबंदी को लेकर बंसीलाल सुर्खियों में आए अपने तीसरे कार्यकाल 1986 से लेकर 1987 तक बंसीलाल ने अपने हरियाणा को आधारभूत बनाने के लिए बहुत से कार्य किए थे इसके बाद 1996- 1999 में अपनी चौथी बारी मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने शराबबंदी जैसा फैसला किया 

चौधरी बंसीलाल की मृत्यु 

चौधरी बंसीलाल की 28 मार्च 2006 को नई दिल्ली में मृत्यु हुई थी वह कुछ समय से बीमार थे 

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