प्राचीनकाल के लुप्त अविष्कार जो हम दोबारा नहीं बना सके
प्राचीन समय में बहुत से अविष्कार हुए जिसने मानव जीवन में क्रांति ही ला दी लेकिन अब हम आधुनिक युग में अपना जीवन जी रहे हैं और हर दिन नए नए आविष्कार हो रहे हैं जिससे अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और लोगों के जीवन में बदलाव आते जा रहे हैं जीने जीवन जीने के तरीके आसान और आरामदायक हो रहे हैं
लेकिन इतिहास उठाकर देखें तो भविष्य में भी बहुत से अविष्कार हुए थे उस समय तकनीक के अभाव में भी बहुत कठिन है बहुत से अविष्कार किए गए थे |
और आज के बहुत से अविष्कार उन प्राचीन समय के आविष्कारों के को देख कर ही किए गए हैं और प्राचीन समय में देखें तो बहुत से ऐसे भी अविष्कार हुए थे जो अब विलुप्त हो चुके हैं और आज की आधुनिक सभ्यता भी उन अविष्कारों को नहीं कर सकते आज इतनी तकनीक के बावजूद भी हम उन अविष्कार को दुबारा नहीं कर सकते
आज की कितनी हाईटेक टेक्नोलॉजी भी उन प्राथमिक समय के अविष्कारों की बराबरी नहीं कर सकती तो आज हम आपको कुछ ऐसे प्राचीन समय के आविष्कारों के बारे में बताएंगे जो आज विलुप्त हो चुके हैं और आज उनको दोबारा नहीं बनाया जा सकता है |
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Greek Fire
ग्रीक फायर एक प्राचीन समय का बहुत ही खतरनाक हथियार था जिस का आविष्कार रोमन एंपायर ने सातवें शताब्दी में किया था वह इस ग्रीक फायर का इस्तेमाल युद्ध में रहस्यमयी हथियार के रुप में इस्तेमाल करते थे ग्रीन फायर से एक ऐसा तरल पदार्थ निकलता था जो आग की लपटों से भरा होता था
और इस आग का इस्तेमाल रोमन अपने दुश्मनों पर करते थे और इस आग की सबसे खास बात यह थी कि यह पानी पर भी चलती थी इसका पानी से कोई असर नहीं होता था इसे केवल सिर के या मिट्टी से ही भुझाया जा सकता था.
और रोमांस ने इसको बनाने का एक खास तरीका बनाया था जो आज तक किसी को पता नहीं चला वह तरीका सिर्फ कुछ खास लोगों को ही पता था इसलिए उस समय के साथ ही ग्रीक फायर बनाने का तरीका भी विलुप्त हो गया लेकिन बाद में बहुत से लोगों ने दी फायर बनाने की कोशिश की लेकिन वह सफल हो गए |
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Roman Concrete
अगर आप रूम के अंदर जाकर देखें तो आपको आज भी वहां बहुत सी ऐसी इमारतें मिल जाएंगे जो लगभग हजारों सालों से खड़ी है उनके ऊपर किसी चीज का कोई भी असर नहीं है और समय को मात देते हुए यह इमारतें ऐसे ही खड़ी है इन इमारतों का खड़ा होने का सबसे बड़ा राज उनके अंदर लगने वाला कॉन्क्रीट है
इन इमारतों में लगा हुआ कॉन्क्रीट आज के कॉन्क्रीट से बहुत अलग है रोमन समाज ने कॉन्क्रीट के अंदर बहुत सी ऐसी चीजों का इस्तेमाल किया जिसके बारे में आज शायद ही किसी को पता है
इसलिए यह कॉन्क्रीट हजारों सालों से इन इमारतों को बनाए हुए हैं आज का कॉन्क्रीट करीब 100 से 150 साल के बाद टूटने लगता है लेकिन यह कंक्रीट पिछली हजारों सालों से इमारतों के अंदर लगा हुआ है कुछ लोगों का कहना था कि रोमन सम्राज्य ने इस कंक्रीट के अंदर ज्वालामुखी की राख का इस्तेमाल किया था
जो कि दीवारों के अंदर दरारे आने से रोकती है लेकिन पक्का दावा आज तक कोई नहीं कर सका है इस कंक्रीट को बनाने की विधि भी समय के साथ विलुप्त हो गई आज की आधुनिक तकनीक भी ऐसा कंक्रीट तैयार
नहीं कर सकती है |
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Vitrum Flexile (ना टूटने वाला कांच)
हम जो कांच आज देखते है वह बिल्कुल पारदर्शी होता है और वह आसानी से टूट जाता है हमने किताबों में भी यही गुण सुने हैं लेकिन आज तकनीकी युग में ऐसे ऐसे कांच तैयार किए जा रहे हैं जिनको आसानी से नहीं तोड़ा जा सकता और इनका इस्तेमाल फोन की डिस्प्ले की सिक्योरिटी के लिए किया जा रहा है
लेकिन यदि प्राचीन समय नहीं देखा जाए तो कहा जाता है कि रोमन साम्राज्य के समय में एक ऐसे कांच का अविष्कार हुआ था जिस को कभी नहीं तोड़ा जा सकता था | लेकिन अब भी हम कभी ना टूटने वाले काँच को बनाने की तकनीक से काफी दूर है लेकिन या ना टूटने वाला कहां थे रोमन साम्राज्य ने आज से हजारों साल पहले ही बना लिया था
जिसको आज आधुनिक युग में कितनी तकनीक होने के बावजूद भी नहीं बना सकते और कहा जाता है की एक बार एक अनजान आदमी रोमन किंग Tiberius की सभा में आता है और कहता है कि उसके द्वारा बनाया गया काँच का घडा कोई नहीं तोड़ सकता उस अनजान आदमी के दावे को खारिज करने के लिए काँच के घड़े को कई बार पटका गया
और कई तरह से उसे तोड़ने की कोशिश की गयी. लेकिन काँच नहीं टुटा बल्कि वो मुड गया. ऐसे में उस अनजान आदमी ने काँच को हथौड़े से पीटकर फिर से उसे घड़े की शेप में ले आया. ये सब देखकर सम्राट Tiberius और सभा के बाकी सभी लोग हैरान थे और उन्होंने उस व्यक्ति से पूछा कि इस काँच को बनाने कि विधि किस किस को पता है.
उस व्यक्ति ने जवाब दिया कि सिर्फ उसे ही इस विधि का पता है, उसके ऐसा कहते ही सम्राट ने उसका सिर कटवा दिया. दरअसल सम्राट को डर था कि ये चीज सोने और चांदी की कीमत को गिरा देगी और उस आदमी के मरने के साथ ही उसका स्कोर बनाने की विधि भी विलुप्त हो गई थी और आज तक मैं न टूटने वाला कहां से कोई नहीं बना सकता |
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Mithridatium (जहर को खत्म करने की दवाई)
Mithridatium (antidote for poison) in Hindi – यदि किसी इंसान को कोई जहरीला जानवर जैसे सांप खा जाए तो उसके इलाज के लिए सबसे पहले यह पता लगाया जाता है कि इसको किस सांप ने काटा है और कौन सा जहर इसके शरीर के अंदर चला गया है
उसके बाद ही उसका इलाज किया जाता है क्योंकि सभी जहर की दवाई अलग-अलग होती है और जांच के दौरान कई बारी उस इंसान की मृत्यु भी हो जाती है यदि सभी शहर की एक ही दवाई हो तो बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकती है
लेकिन प्राचीन समय में पॉइंट्स के राजा मित्र डेट ने ऐसी दवा का आविष्कार किया जो किसी भी जहर को काट सकती थी और राजा ने अपने चिकित्सों के साथ मिलकर इस दवाई को और भी बेहतर बनाया लेकिन समय के साथ-साथ दवाई को बनाने की विधि भी विलुप्त हो गई और आज तक ऐसी दवाई का अविष्कार नहीं हो पाया जो सभी जहर पर काम कर सके |
Archimedes Ray Weapon
Archimedes प्राचीन समय का बहुत ही खतरनाक हथियार था ग्रीस के गणितज्ञ Archimedes ने 212BC में एक ऐसा हथियार का निर्माण किया था जिस से सूरज की किरणों को इकट्ठा करके दुश्मनों के जहाज को जलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था कि इस हथियार में कई बड़े दर्पणों का इस्तेमाल होता था |
इन दर्पणों से सूरज की किरणों को रिफ्लेक्ट किया जाता था और उससे इतनी तेज आग बनती थी की दुश्मनों के जहाज को मिनटों में जलाकर राख कर देती लेकिन कुछ लोगों का मानना था कि यह सिर्फ काल्पनिक कहानियां हैं
इनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है पर MIT के छात्रों ने इस एक्सपेरिमेंट को करके देखा और उन्हें कई दर्पणों का इस्तेमाल करके एक छोटी नाव में आग लगाने में सफलता भी मिली|